प्रयागराज हिंसा : बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, जाने क्या है मांग

Jamiat Ulema-e-Hind knocked the door of Supreme Court : हिंसक प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ योगी सरकार कडा रूख अपना रही है। हाल ही में हुई

प्रयागराज हिंसा : बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, जाने क्या है मांग

bulldozer action

Modified Date: November 29, 2022 / 08:32 pm IST
Published Date: June 13, 2022 10:51 pm IST

Pragraj Violence news in hindi : हिंसक प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ योगी सरकार कडा रूख अपना रही है। हाल ही में हुई हिंसा के बाद यूपी में जहां ताबड़तोड़ गिरफ्तारीयां हुई है। वहीं दूसरी तरफ प्रयागराज में रविवार को शहर में भड़की हिंसा के मास्टरमाइंड बताए जा रहे जावेद पंप के घर पर बाबा का बुलडोजर चला। यूपी सरकार की ताबड़तोड़ ‘बुलडोजर’ कार्रवाई पर अब जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट की तरफ रुख किया है।

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जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

 जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए मांग की है कि, कोर्ट यूपी सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दे कि उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना आगे कोई विध्वंस नहीं किया जाए। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपने आवेदन में कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अधिनियमित कानून और नगरपालिका कानूनों के उल्लंघन में ध्वस्त किए गए घरों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाएं।

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याचिकाकर्ता ने कहा कि वर्तमान स्थिति और अधिक चिंताजनक है, सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही उत्तर पश्चिमी दिल्ली में इसी तरह की परिस्थितियों में एक दंडात्मक उपाय के रूप में किए जा रहे विध्वंस पर रोक लगाने का आदेश दिया था। बता दें कि उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में शुक्रवार (10 जून) को हुई हिंसा के बाद योगी सरकार ने सख्त रुख अपना रखा है।

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बुलडोजर कार्रवाई पर शुरू हुआ सियासी हंगामा

यूपी में हिंसा फैलाने वालों की संपत्तियों पर बुलडोजर चला तो इस पर सियासी हंगामा भी शुरू हो गया है। विपक्ष ने इसे कानून का उल्लंघन बताया और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाया है। वहीं बीजेपी नेता ऐसे एक्शन को सही ठहरा रहे हैं, कड़ी कार्रवाई को ही उपद्रवियों का जवाब बता रहे हैं।

प्रयागराज हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद अहमद के घर बुलडोजर की कार्रवाई पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ये कहां का इंसाफ है कि जिसकी वजह से देश में हालात बिगड़े और दुनियाभर में सख़्त प्रतिक्रिया हुई वो सुरक्षा के घेरे में हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को बिना वैधानिक जांच पड़ताल बुलडोज़र से सजा दी जा रही है। इसकी अनुमति न हमारी संस्कृति देती है, न धर्म, न विधान, न संविधान।

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अदालतों में लगा देना चाहिए ताला : ओवैसी

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने गुजरात में एक कार्यक्रम के दौरान जावेद अहमद के घर पर चलाए गए बुलडोजर की कार्रवाई पर योगी सरकार को निशाने पर लिया। ओवैसी ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री अब उत्तर प्रदेश के चीफ जस्टिस बन चुके हैं. वो अब फैसला करेंगे कि किसका घर तोड़ना है।

ओवैसी ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में कोर्ट और अदालतों में ताला लगा देना चाहिए और जजों को कह देना चाहिए कि वो कोर्ट ना जाएं, क्योंकि अब अदालत की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि ये फैसला तो सीएम योगी करेंगे कि आखिरकार मुलजिम कौन है?

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इसके अलावा बुलडोजर एक्शन पर बसपा प्रमुख मायावती ने योगी सरकार को निशाने पर लिया है। मायावती ने सोमवार को एक के बाद एक ट्वीट कर कहा कि कि यूपी सरकार एक समुदाय विशेष को टारगेट करके बुलडोजर से उनके घर ढहा रही है। विरोध को कुचलने और भय, आतंक का जो माहौल बनाया जा रहा है, यह अन्याय है।

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