जुमे की नमाज के बाद पहलगाम हमले के विरुद्ध प्रदर्शन; बुखारी ने कहा: आतंकियों की करतूत ‘गैर-इस्लामी’ |

जुमे की नमाज के बाद पहलगाम हमले के विरुद्ध प्रदर्शन; बुखारी ने कहा: आतंकियों की करतूत ‘गैर-इस्लामी’

जुमे की नमाज के बाद पहलगाम हमले के विरुद्ध प्रदर्शन; बुखारी ने कहा: आतंकियों की करतूत ‘गैर-इस्लामी’

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Modified Date: April 25, 2025 / 07:41 PM IST
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Published Date: April 25, 2025 7:41 pm IST

नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने शुक्रवार को कहा कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादी मुस्लिम होने का दंभ तो भरते हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा काम किया है जो पूरी तरह से ‘‘गैर-इस्लामी’’ है।

उन्होंने जुमे की नमाज के दौरान अपने ‘कुतबे’ (धार्मिक संबोधन) में यह भी कहा कि कुरान के अनुसार, किसी एक इंसान का कत्ल पूरी इंसानियत का कत्ल है।

पहलगाम हमले के विरोध में कई लोगों ने बांह पर काली बांधकर जुमे की नमाज अदा की।

जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जामा मस्जिद की सीढ़ियों पर एकत्र होकर पहलगाम हमले के खिलाफ प्रदर्शन किया और ‘आतंकवाद मुर्दाबाद’ और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाए।

बुखारी ने कहा, ‘‘कुरान में कहा गया है कि एक इंसान को मारना पूरी इंसानियत को मारने जैसा है और एक इंसान को बचाना पूरी मानवता को बचाने जैसा है।’’

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘आतंकवाद को किसी भी आधार पर उचित नहीं ठहराया जा सकता या इसका समर्थन नहीं किया जा सकता।’’

बुखारी ने कहा कि पाकिस्तान की करतूत के कारण भारत के मुसलमानों को भी नफरत का सामना करना पड़ता है।

उनका कहना था कि धार्मिक पहचान के आधार पर निर्दोष लोगों की हत्या करना एक ऐसा अपराध है जिसकी माफी नहीं हो सकती।

दिल्ली के कई अन्य इलाकों में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुमे की नमाज के बाद पहलगाम हमले के विरोध में प्रदर्शन किया।

भाषा हक हक सुरेश

सुरेश

 

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