तेजपुर विश्वविद्यालय के कुलपति को हटाने की मांग पर अड़े प्रदर्शनकारी, बंद का किया आह्वान

तेजपुर विश्वविद्यालय के कुलपति को हटाने की मांग पर अड़े प्रदर्शनकारी, बंद का किया आह्वान

तेजपुर विश्वविद्यालय के कुलपति को हटाने की मांग पर अड़े प्रदर्शनकारी, बंद का किया आह्वान
Modified Date: December 7, 2025 / 12:26 pm IST
Published Date: December 7, 2025 12:26 pm IST

तेजपुर (असम), सात दिसंबर (भाषा) तेजपुर विश्वविद्यालय के कुलपति शंभू नाथ सिंह पर अनियमितताओं के आरोपों को लेकर 15 सितंबर से जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच रविवार को प्रदर्शनकारियों ने बंद का आह्वान किया और कहा कि जब तक कुलपति की बर्खास्तगी के बारे में केंद्र सरकार की ओर से औपचारिक सूचना प्राप्त नहीं हो जाती, तब तक बंद जारी रहेगा।

असम के सोनितपुर जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित विश्वविद्यालय परिसर में शनिवार दोपहर से लेकर रविवार सुबह तक उस वक्त भारी तनाव दिखा, जब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सचिव विनीत जोशी की अगुवाई में एक शीर्ष प्रतिनिधिमंडल मध्य रात्रि के समय परिसर से बाहर नहीं जा सका और प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को तीन घंटे से अधिक समय तक अपनी गाड़ियों में बैठे रहना पड़ा।

इसके बाद प्रतिनिधिमंडल में शामिल शिक्षा विभाग की संयुक्त सचिव सौम्या गुप्ता को एक खाली कागज पर लिखित आश्वासन देना पड़ा, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल को परिसर से जाने की अनुमति दी गई।

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‘पीटीआई-भाषा’ को हासिल हुए हस्तलिखित आश्वासन में कहा गया है कि कुलपति कठोर और समयबद्ध जांच पूरी होने तक केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रशासक नहीं रहेंगे।

‘तेजपुर विश्वविद्यालय यूनाइटेड फोरम’ (टीयूयूएफ) के तहत एकत्र हुए छात्र, शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी 15 सितंबर से कुलपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि कुलपति ने भ्रष्टाचार और अन्य अनियमितताएं की हैं। उन्होंने सिंह को बर्खास्त करने और उनके कामकाज की जांच कराने की मांग की है।

तेजपुर विश्वविद्यालय यूनाइटेड फोरम (टीयूयूएफ) ने एक बयान में कहा, ‘‘ छात्रों, संकाय सदस्यों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने एक ठोस समझौते को आधिकारिक मंजूरी मिलने तक पूरी तरह से कामकाज बंद करने का निर्णय लिया है।’’

टीयूयूएफ ने मंत्रालय की टीम से अनौपचारिक पत्र प्राप्त करने की पुष्टि की, जिसमें उपकुलपति के खिलाफ आरोपों की जांच शुरू करने का संकेत दिया गया है।

संगठन ने कहा, ‘‘छात्र इसे प्रारंभिक कदम मानते हैं, लेकिन उनका कहना है कि विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक कि एक आधिकारिक, औपचारिक अधिसूचना जारी नहीं होती और ठोस कदम नहीं उठाए जाते।’’

भाषा जोहेब शोभना

शोभना


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