बंगाल : प्रदर्शनकारी शिक्षकों का एसएससी कार्यालय के सामने धरना चौथे दिन भी जारी

बंगाल : प्रदर्शनकारी शिक्षकों का एसएससी कार्यालय के सामने धरना चौथे दिन भी जारी

बंगाल : प्रदर्शनकारी शिक्षकों का एसएससी कार्यालय के सामने धरना चौथे दिन भी जारी
Modified Date: April 24, 2025 / 08:20 pm IST
Published Date: April 24, 2025 8:20 pm IST

कोलकाता, 24 अप्रैल (भाषा)पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) मुख्यालय का घेराव कर रहे करीब 1,000 प्रदर्शनकारी शिक्षकों का धरना बृहस्पतिवार को चौथे दिन भी जारी रहा।

प्रदर्शनकारियों ने 21 अप्रैल को धरना शुरू किया था और संकल्प लिया था कि प्रदर्शन तबतक जारी रहेगा जब तक आधिकारिक तौर पर उन्हें संबंधित शैक्षणिक संस्थानों में स्थायी आधार पर बहाल नहीं कर दिया जाता।

योग्य शिक्षक मंच के पदाधिकारियों में से एक चिन्मय मंडल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम तब तक अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगे जब तक राज्य सरकार पुनर्विचार अपील दायर करके दागी/बेदाग उम्मीदवारों की पूरी सूची उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेश नहीं कर देती और हमें 60 वर्ष की आयु तक बहाल नहीं कर दिया जाता, न कि 31 दिसंबर तक जैसा कि हाल ही में शीर्ष अदालत ने आदेश दिया है।’’

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मंडल ने कहा, ‘‘हम तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक हमें लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता कि पात्र शिक्षकों को 30 मई के बाद एसएससी भर्ती परीक्षा के नए दौर में नहीं बैठना पड़ेगा और उन्हें स्थायी रूप से बहाल कर दिया जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों का एक अन्य समूह, जिन्हें 2016 की एसएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने में असफल होने के बावजूद अवैध रूप से नियुक्त किया गया था, करुणामयी क्षेत्र में एकत्र हुए और ‘पात्र’ शिक्षकों के खिलाफ नारेबाजी की।

हालांकि, पुलिस की मौजूदगी के कारण कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।

प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने बुधवार को एसएससी अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार को 40 घंटे से अधिक समय तक आयोग कार्यालय में बंधक बनाए रखा था। शिक्षकों की मांगों में 21 अप्रैल तक ओएमआर शीट को डब्ल्यूबीएसएससी की वेबसाइट पर प्रकाशित करना भी शामिल है।

प्रदर्शनकारियों ने मजूमदार को कार्यालय से बाहर जाने दिया क्योंकि उन्हें 2016 एसएससी भर्ती परीक्षा की ओएमआर शीट प्रस्तुत करने से संबंधित सुनवाई के सिलसिले में 23 अप्रैल को कलकत्ता उच्च न्यायालय में पेश होना था।

मंच के एक अन्य नेता धृतिश मंडल ने दावा किया कि जिला विद्यालय निरीक्षकों के कार्यालयों को भेजी गई ‘बेदाग’ शिक्षकों की सूची में मंच के 10-11 सदस्यों के नाम शामिल नहीं हैं, जो सभी योग्य शिक्षक हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि एसएससी अध्यक्ष ने उन्हें बताया कि यह एक तकनीकी त्रुटि थी और इन 10-11 छूटे हुए नामों के साथ एक नई सूची एक या दो दिन में भेज दी जाएगी।

उच्चतम न्यायालय ने 2016 की भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं होने की वजह से पूरी भर्ती रद्द कर दी थी जिसकी वजह से राज्य-सहायता प्राप्त विद्यालयों के कुल 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी।

भाषा धीरज माधव

माधव


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