Dantewada Naxal Surrender | Image Source | IBC24 File
नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि देश में लोगों की वास्तविक क्रय शक्ति घटती जा रही है, लेकिन सरकार इस संकट को स्वीकार करने को तैयार नहीं है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यदि सरकार इस संकट को स्वीकारती है तो उसे पिछले 11 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था को हुए “संरचनात्मक नुकसान” को स्वीकार करना होगा।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “वास्तविक आय में ठहराव की सच्चाई अब नजरअंदाज नहीं की जा सकती, खासकर वेतनभोगी और सफेदपोश वर्ग के लिए। 2016 से उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति औसतन छह के आसपास रही है, लेकिन इसी अवधि में सफेदपोश नौकरियों में वेतन वृद्धि महज 3-4 प्रतिशत तक सीमित रही।”
उन्होंने दावा किया कि महंगाई के मुकाबले वेतन में बहुत कम बढ़ोतरी हुई, जिसका नतीजा यह हुआ कि लोगों की जेब में पैसा बचा ही नहीं।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘निवेश बैंकर कनिष्क कर के अनुसार, वास्तविक क्रय शक्ति खत्म हो रही है, जैसे हॉस्टल की रसोई में मैगी का पैकेट। घटती क्रय शक्ति भारत में उपभोग से जुड़ी बहुचर्चित कहानी के अंत का मूल कारण है और निजी निवेश में मंदी की जड़ है।’
रमेश ने दावा किया मोदी सरकार इस संकट को स्वीकार करने से इनकार करती है, क्योंकि इसके लिए उसे पिछले 11 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था को हुए संरचनात्मक नुकसान को स्वीकार करना होगा।
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