राहुल और सिद्धू शीर्ष पद चाहते हैं, पर लोग उनसे पहले कुछ करके दिखाने के लिए कह रहे: मान
राहुल और सिद्धू शीर्ष पद चाहते हैं, पर लोग उनसे पहले कुछ करके दिखाने के लिए कह रहे: मान
चंडीगढ़, 13 दिसंबर (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों ही नेता शीर्ष पदों की चाह रखते हैं लेकिन लोग उनसे पहले कुछ करके दिखाने को कहते हैं।
मान ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जब सिद्धू पंजाब में कांग्रेस सरकार में मंत्री थे, तब अगर उन्होंने अपने विभागों की जिम्मेदारी संभाली होती तो वे जनता के कल्याण के लिए कुछ कर सकते थे।
मान ने दावा किया कि राहुल गांधी और नवजोत सिंह सिद्धू की एक ही समस्या है।
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी कहते हैं, मुझे प्रधानमंत्री बनाओ, मैं जनता के लिए कुछ करूंगा। लेकिन लोग उनसे कहते हैं, पहले कुछ करो, फिर हम तुम्हें प्रधानमंत्री बनाएंगे।”
मान ने दोनों नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा, “नवजोत सिद्धू के साथ भी यही हाल है। वह कहते हैं, ‘मुझे मुख्यमंत्री बना दो, मैं पंजाब के लिए कुछ करूंगा’। लेकिन लोग उनसे पंजाब के लिए कुछ करने को कहते हैं, इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाएंगे।” कुछ दिन पहले सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने कहा था कि अगर कांग्रेस पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करती है, तो उनके पति सक्रिय राजनीति में लौट आएंगे।
नवजोत कौर ने कहा था कि उनके (नवजोत सिंह सिद्धू के) पास किसी भी पार्टी को देने के लिए पैसा नहीं है लेकिन वे पंजाब को “स्वर्णिम राज्य” में बदल सकते हैं।
मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए उनके ‘500 करोड़ रुपये’ वाले बयान ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था, जिसके बाद पंजाब कांग्रेस ने उन्हें निलंबित कर दिया था। कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व अध्यक्ष सिद्धू पिछले कई महीनों से पार्टी के कार्यक्रमों और गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले रहे हैं।
उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों में भी प्रचार नहीं किया था। मान ने सिद्धू दंपति के ईमानदार होने के दावे पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर कहा कि वे (मान) ईमानदारी का प्रमाण पत्र देने वाले कोई व्यक्ति नहीं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा हालांकि उन्हें ऐसा कोई दस्तावेज नहीं मिला है, जो उनके (सिद्धू दंपति) भ्रष्टाचार को दर्शाता हो।
उन्होंने कहा, “नहीं तो मैं इसे अब तक सार्वजनिक कर चुका होता।”
भाषा जितेंद्र संतोष
संतोष

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