Rahul Gandhi on the demise of Zakir Hussain: महान तबला वादक जाकिर हुसैन के निधन पर राहुल गाँधी ने जताया दुःख.. लिखा, आपकी कला हमेशा हमारी यादों में जीवित रहेगी

Rahul Gandhi on the demise of Zakir Hussain उस्ताद जाकिर हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था। साथ ही उनको तीन ग्रैमी अवॉर्ड भी मिल चुके थे।

Rahul Gandhi on the demise of Zakir Hussain: महान तबला वादक जाकिर हुसैन के निधन पर राहुल गाँधी ने जताया दुःख.. लिखा, आपकी कला हमेशा हमारी यादों में जीवित रहेगी

Rahul Gandhi on the demise of Zakir Hussain | Image Credit- The telegraph

Modified Date: December 15, 2024 / 11:11 pm IST
Published Date: December 15, 2024 11:11 pm IST

Rahul Gandhi on the demise of Zakir Hussain : नई दिल्ली। महान तबला वादक जाकिर हुसैन के निधन पर कांग्रेस के शीर्ष नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दुःख व्यक्त किया है। सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर राहुल गाँधी ने लिखा, ‘महान तबला वादक उस्ताद ज़ाकिर हुसैन जी के निधन का समाचार बेहद दुखद है। उनका जाना संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति है। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। उस्ताद ज़ाकिर हुसैन जी अपनी कला की ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जो हमेशा हमारी यादों में जीवित रहेगी।”

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सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में ली आखिरी साँस

गौरतलबी है कि कुछ देर पहले ही महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन विश्व विख्यात तबला वादक और पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन (73) का निधन हो गया है। वह पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। सेन फ्रांसिसको में उनका इलाज चल रहा था। बता दें, उस्ताद जाकिर हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था। साथ ही उनको तीन ग्रैमी अवॉर्ड भी मिल चुके थे।

हर्ष गोयनका भी हुए दुखी

Rahul Gandhi on the demise of Zakir Hussain मशहूर उद्यमी हर्ष गोयनका ने उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर ट्वीट करते हुए लिखा, “जब तबला अपनी कला खो देता है तो दुनिया खामोश हो जाती है। भारत की आत्मा को वैश्विक मंचों पर पहुंचाने वाले लयबद्ध प्रतिभा वाले उस्ताद जाकिर हुसैन हमें छोड़कर चले गए। एचएमवी से उनके जुड़ाव के कारण मुझे उन्हें जानने और अपने घर पर उनका प्रदर्शन सुनने का सौभाग्य मिला। उनकी धड़कनें हमेशा गूंजती रहेंगी.”

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अब प्वाइंट्स में पढ़े उस्ताद जाकिर हुसैन की ख़बरें

तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन कब हुआ?

उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन 15 दिसंबर 2024 को हुआ। वह लंबे समय से बीमार थे और सेन फ्रांसिसको में उनका इलाज चल रहा था।

उस्ताद जाकिर हुसैन को कौन-कौन से बड़े पुरस्कार मिले थे?

उस्ताद जाकिर हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्हें तीन ग्रैमी अवॉर्ड भी मिले थे।

Rahul Gandhi on the demise of Zakir Hussain

तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन किस कारण से हुआ?

उस्ताद जाकिर हुसैन कई दिनों से बीमार थे। उनकी बीमारी के विस्तृत कारणों की जानकारी फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है।

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उस्ताद जाकिर हुसैन का संगीत करियर क्यों खास था?

उस्ताद जाकिर हुसैन ने तबला वादन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनकी विश्वव्यापी पहचान और तीन ग्रैमी अवॉर्ड उनकी संगीत प्रतिभा का प्रमाण हैं।

तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन के बाद उनके परिवार में कौन-कौन हैं?

उनके परिवार में उनकी पत्नी और बच्चे हैं। परिवार ने इस कठिन समय में प्राइवेसी बनाए रखने का अनुरोध किया है।

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A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown