Rahul Gandhi PC: राहुल गांधी ने फोड़ा हाइड्रोजन बम! बोले- आलंद में वोट चोरी पकड़ी नहीं जाती तो चुनाव हार सकता था हमारा उम्मीदवार
राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि हमारे अलंड उम्मीदवार द्वारा धोखाधड़ी का पर्दाफ़ाश करने के बाद, स्थानीय चुनाव आयोग अधिकारी ने एक प्राथमिकी दर्ज की, लेकिन सीआईडी जाँच को मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा रोक दिया गया है।
Rahul Gandhi US Visit/ Image Credit: congress X handle
- कर्नाटक CID ने 18 महीनों में 18 पत्र लिखकर सभी सबूत मांगे
- स्थानीय चुनाव आयोग अधिकारी ने एक प्राथमिकी दर्ज की
- डेस्टीनेशन आईपी, डिवाइस पोर्ट और ओटीपी ट्रेल्स का विवरण रोक दिया गया
नई दिल्ली: राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि हमारे आलंद उम्मीदवार द्वारा धोखाधड़ी का पर्दाफ़ाश करने के बाद, स्थानीय चुनाव आयोग अधिकारी ने एक प्राथमिकी दर्ज की, लेकिन सीआईडी जाँच को मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा रोक दिया गया है। कर्नाटक CID ने 18 महीनों में 18 पत्र लिखकर सभी सबूत मांगे हैं, इसे भी मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा रोक दिया गया है। कर्नाटक चुनाव आयोग ने जाँच का अनुपालन करने के लिए चुनाव आयोग को कई अनुरोध भेजे हैं, मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा रोक दिया गया है।
डेस्टीनेशन आईपी, डिवाइस पोर्ट और ओटीपी ट्रेल्स का विवरण रोक दिया गया है, मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा रोक दिया गया है। अगर यह वोट चोरी पकड़ी नहीं जाती और 6,018 वोट हटा दिए जाते, तो हमारा उम्मीदवार चुनाव हार सकता था। राहुल गांधी ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार – बहाने बनाना बंद करें। कर्नाटक सीआईडी को सबूत तुरंत सौंपें।
After our Aland candidate exposed the fraud, the local EC official filed an FIR, but the CID investigation has been – BLOCKED by CEC.
The Karnataka CID has written 18 letters in 18 months requesting all incriminating evidence – BLOCKED by CEC.
The Karnataka EC has sent multiple… https://t.co/l6vOv2nNga
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 18, 2025
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राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट से नाम काटने के नए आरोप लगाए
इसके पहले आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नई दिल्ली के इंदिरा भवन ऑडिटोरियम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। राहुल ने इस दौरान ‘वोट चोरी’ से जुड़े नए सबूत पेश किए और वोटर लिस्ट से नाम काटने के नए आरोप लगाए। उन्होंने पहले ही कह दिया कि यह ‘हाइड्रोजन बम’ नहीं है, हाइड्रोजन बम अभी आने वाला है। कुछ दिनों पहले अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को खत्म करते हुए राहुल ने दावा किया था कि उनकी पार्टी ‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर जल्द ही एक ‘हाइड्रोजन बम’ जैसा खुलासा करेगी।
उन्होंने तो यहां तक कहा था कि ‘इस खुलासे के बाद प्रधानमंत्री मोदी देश को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे’।’वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान राहुल ने आरोप लगाया था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई, खासकर कर्नाटक के महादेवपुरा क्षेत्र में एक लाख से अधिक वोट कथित तौर पर ‘चुराए’ गए। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर ‘परमाणु बम’ जैसा खतरा बताते हुए चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और मतदाताओं के अधिकारों पर जोर दिया।
कर्नाटक के आलंद में 6018 वोट खत्म किए गए : राहुल
राहुल ने दावा किया कि कर्नाटक के आलंद में 6018 वोट खत्म किए गए। राहुल गांधी ने कहा, ‘आलंद कर्नाटक का एक विधानसभा क्षेत्र है। वहां किसी ने 6,018 वोट डिलीट करने की कोशिश की। हमें नहीं पता कि 2023 के चुनाव में कुल कितने वोट डिलीट किए गए, लेकिन यह संख्या 6,018 से कहीं ज्यादा थी। बस इतनी बात हुई कि इन 6,018 वोटों को डिलीट करते समय गलती से मामला पकड़ में आ गया। हुआ यूं कि वहां की एक बूथ-लेवल अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का वोट डिलीट हो गया है। उसने जांच की कि उसके चाचा का वोट किसने डिलीट किया, तो पता चला कि पड़ोसी ने डिलीट किया है। जब उसने अपने पड़ोसी से पूछा तो उसने कहा कि मैंने कोई वोट डिलीट नहीं किया। यानी न तो जिस व्यक्ति ने वोट डिलीट किया और न ही जिसका वोट डिलीट हुआ- दोनों को इस बारे में कुछ पता था। असल में किसी और ताकत ने सिस्टम को हाईजैक करके ये वोट डिलीट किए थे।’
राहुल गांधी ने कहा, ‘भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त उन लोगों की रक्षा कर रहे हैं जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को बर्बाद कर दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं इस मंच से ऐसी कोई बात नहीं कहूंगा जो 100 प्रतिशत सच नहीं है। मैं ऐसा इंसान हूं जो अपने देश से प्यार करता है, अपने संविधान से प्यार करता है, लोकतांत्रिक प्रक्रिया से प्यार करता है और उसी प्रक्रिया की रक्षा कर रहा हूं। मैं यहां ऐसी कोई बात नहीं कहूंगा जो 100 प्रतिशत सबूतों पर आधारित न हो और जिसे आप परख न सकें।’
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वोट-चोरों की रक्षा कर रहे ज्ञानेश कुमार
राहुल गांधी ने कहा, ‘ज्ञानेश कुमार वोट-चोरों की रक्षा कर रहे हैं। यह साफ और स्पष्ट सबूत है। इसमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं ज्ञानेश कुमार के खिलाफ इतने सीधे आरोप क्यों लगा रहा हूं। कर्नाटक में इस मामले की जांच जारी है। कर्नाटक की CID ने 18 महीनों में चुनाव आयोग को 18 पत्र भेजे हैं और उनसे कुछ बहुत ही सरल तथ्य मांगे हैं। पहला, हमें वह डेस्टिनेशन IP दीजिए जिससे ये फॉर्म भरे गए। दूसरा, हमें उन डिवाइस डेस्टिनेशन पोर्ट्स दीजिए जिससे ये आवेदन दाखिल किए गए और तीसरा, सबसे महत्वपूर्ण, OTP ट्रेल्स दीजिए क्योंकि आवेदन दाखिल करने के लिए OTP लेना पड़ता है। 18 महीनों में 18 बार कर्नाटक CID ने चुनाव आयोग से यह मांगा, लेकिन उन्हें यह नहीं दिया जा रहा। उन्हें क्यों नहीं दिया जा रहा? क्योंकि इससे हमें पता चल जाएगा कि यह ऑपरेशन कहां से चल रहा है, और हमें पूरी तरह यकीन है कि यह हमें उसी जगह तक ले जाएगा।’

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