राहुल गांधी सस्ती लोकप्रियता के लिए ‘हथकंडे’ अपना रहे : अनुराग ठाकुर |

राहुल गांधी सस्ती लोकप्रियता के लिए ‘हथकंडे’ अपना रहे : अनुराग ठाकुर

राहुल गांधी सस्ती लोकप्रियता के लिए ‘हथकंडे’ अपना रहे : अनुराग ठाकुर

:   Modified Date:  March 25, 2023 / 10:54 PM IST, Published Date : March 25, 2023/10:54 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि वह सस्ती लोकप्रियता के लिए हथकंडे अपना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि उस समय स्वतः अयोग्य हो जाते हैं, जब उन्हें अदालत द्वारा दोषी ठहराया जाता है और दो या अधिक साल के लिए जेल की सजा सुनाई जाती है।

ठाकुर ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार या लोकसभा की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है और अयोग्यता को निलंबित या रद्द नहीं किया जा सकता है।

इससे पूर्व, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें हमेशा के लिए अयोग्य ठहरा दिया जाए या फिर उन्हें जेल में ही क्यों न डाल दिया जाए, लेकिन वह लोकतंत्र की लड़ाई लड़ते रहेंगे।

ठाकुर ने कहा कि 2013 के लिली थॉमस बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में, उच्चतम न्यायालय ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 (4) को रद्द कर दिया था, जो एक बार सजायाफ्ता सांसद-विधायक को उनकी लंबित अपील के कारण अयोग्यता से बचाती थी।

उन्होंने कहा, ‘‘निर्णय के अनुसार, दोषसिद्धि की तारीख से अयोग्यता अपने आप प्रभावी होती है।’’

मंत्री ने कहा कि संविधान स्पष्ट रूप से संसद को उस तारीख को टालने से रोकता है, जिससे अयोग्यता प्रभावी होगी।

ठाकुर ने कहा, ‘‘लोकसभा अध्यक्ष जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और उच्चतम न्यायालय के फैसले से सदस्यता समाप्ति आदेश जारी करने के लिए बाध्य हैं।’’

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘राहुल गांधी राजनीतिक अपरिपक्वता की मिसाल हैं। जो भी थोड़ा भरोसा था, उसे वह गंवा रहे हैं। नौटंकी और सस्ती लोकप्रियता के लिए वह हथकंडे अपना रहे हैं।’’

ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी अयोग्यता का सामना करने वाले पहले निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘सोचता हूं कि क्या कांग्रेस के कानूनी जानकारों ने नियमों के बारे में जानकारी हासिल की है? इसके बजाय, वे खुलेतौर पर ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए राहुल गांधी की नफरत का बचाव कर रहे हैं, जिसके कारण उन्हें दोषी ठहराया गया और इस प्रकार न्यायपालिका और लोगों के प्रति घोर अनादर दिखाया जा रहा है।’’

भाषा आशीष पारुल

पारुल

 

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