कोटा, 28 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के पेंच बाघ अभयारण्य रिजर्व से लाई गई एक बाघिन (पीएन-224) को रविवार को राजस्थान के बूंदी जिले स्थित रामगढ़ विषधारी बाघ अभयारण्य में छोड़ दिया गया। वन अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
यह प्रक्रिया ‘इंटर-स्टेट टाइगर रिइंट्रोडक्शन प्रोग्राम’ का हिस्सा है।
अधिकारियों ने बताया कि निर्धारित अनुकूलन प्रक्रिया के तहत बाघिन को 22 दिसंबर से बजलिया क्षेत्र में एक बाड़े में रखा गया था। अनुकूलन अवधि पूरी होने के बाद उसे जंगल में स्वतंत्र विचरण के लिए छोड़ा गया।
कोटा स्थित मुकुंदरा हिल्स बाघ अभयारण्य (एमएचटीआर) के मुख्य वन संरक्षक एवं परियोजना निदेशक सुगनाराम जाट ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बाड़े का द्वार शनिवार दोपहर खोला गया, जिसके बाद बाघिन स्वेच्छा से बाहर निकली और रविवार सुबह जंगल में प्रवेश कर गई।
उन्होंने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के प्रोटोकॉल के अनुसार वरिष्ठ वन अधिकारियों की मौजूदगी में की गई। इस दौरान पशु चिकित्सकों, क्षेत्रीय जीवविज्ञानी और अग्रिम पंक्ति के प्रशिक्षित कर्मचारियों की निगरानी टीमें तैनात रहीं।
जाट ने कहा कि बाघिन की गतिविधियों, स्वास्थ्य आदि पर नजर रखने के लिए नियमित निगरानी की जाएगी।
अधिकारियों के अनुसार, पीएन-224 को 21 दिसंबर को भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर से पेंच बाघ अभयारण्य से जयपुर लाया गया था, जिसके बाद उसे सड़क मार्ग से रामगढ़ विषधारी बाघ अभयारण्य पहुंचाया गया।
भाषा तान्या खारी
खारी