FIR दर्ज होने के बाद राजस्थान यूथ कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक गणेश घोघरा ने दिया इस्तीफा, बोले- अधिकारी नहीं सुन रहे

Rajasthan Youth Congress President and MLA Ganesh Ghoghra resigns

FIR दर्ज होने के बाद राजस्थान यूथ कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक गणेश घोघरा ने दिया इस्तीफा, बोले- अधिकारी नहीं सुन रहे
Modified Date: November 29, 2022 / 08:28 pm IST
Published Date: May 18, 2022 7:42 pm IST

जयपुरः कांग्रेस विधायक और युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश घोघरा ने बुधवार को अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेज दिया। विधायक ने अपने खिलाफ डूंगरपुर जिले में हंगामा करने का मामला दर्ज होने के बाद यह कदम उठाया है। आधिकारिक सूत्रों ने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए बताया कि ‘‘घोघरा ने आज मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेजा है।’’ कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा का फोन बंद होने के कारण उनसे संपर्क नहीं हो सका।

तहसीलदार ने दर्ज करवाया था मामला

त्यागपत्र में घोघरा ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के विधायक और यूथ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद उनकी उपेक्षा की जा रही है और स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों द्वारा उनकी आवाज को दबाया जा रहा है। स्थानीय तहसीलदार की ओर से मंगलवार देर रात डूंगरपुर के सदर थाने में कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 186 (किसी भी लोक सेवक को उसके सार्वजनिक कार्यो के निर्वहन में बाधा डालना), 143 ( गैर कानूनी सभा), 342 ( गलत बंधक बनाना), 347 (संपत्ति की जबरन वसूली के लिये गलत बंधक बनाना या अवैध कार्य के विवश करना) और 353 ( लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिये हमला) के तहत मामला दर्ज करवाया गया था।

तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों को बनाया गया था बंधक

पुलिस ने बताया कि प्रशासन गांवों के संग अभियान के दौरान मंगलवार को स्थानीय लोगों की भीड़ ने पंचायत भवन में उपखंड अधिकारी (एसडीएम) और तहसीलदार सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों को बंद कर दिया था। अभियान के तहत लीज जारी करने सहित विभिन्न कार्य किये जाते है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि उन्होंने पूर्व में आयोजित अभियान में पट्टे के लिये आवेदन किया था लेकिन अभी तक पट्टे जारी नहीं किए गए है।इसका विरोध करते हुए लोगों ने अधिकारियों को पंचायत भवन में बंद कर दिया था। बाद में कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा पंचायत भवन पहुंचे और स्थानीय लोगों के साथ धरने पर बैठ गए जबकि अधिकारी अंदर ही बंद थे। कुछ देर बाद जब जिला कलेक्टर ने मामले में हस्तक्षेप किया तो गतिरोध समाप्त हुआ और अधिकारियों को छोड दिया गया। इसके बाद कल रात तहसीलदार ने स्थानीय थाने में शिकायत की जिसके बाद मामला दर्ज किया गया।

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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।