राजनाथ ने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के लिए ‘निष्पादन मॉडल’ को मंजूरी दी

राजनाथ ने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के लिए ‘निष्पादन मॉडल’ को मंजूरी दी

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Modified Date: May 27, 2025 / 08:58 PM IST
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Published Date: May 27, 2025 8:58 pm IST

नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के महत्वाकांक्षी पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान (उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान यानी एएमसीए) के डिजाइन और उत्पादन के लिए ‘निष्पादन मॉडल’ को मंजूरी दे दी है।

भारत अपनी वायु शक्ति क्षमता को बढ़ाने के लिए उन्नत ‘स्टील्थ’ (ऐसे विमान जिनकी हवाई क्षेत्र में मौजूदगी का पता लगाना मुश्किल होता है) विशेषताओं वाले और दुश्मन के क्षेत्र में भीतर तक जाकर लक्ष्य को भेद सकने वाले मध्यम वजन के लड़ाकू जेट विकसित करने की महत्वाकांक्षी एएमसीए परियोजना पर काम कर रहा है।

तेजस हल्के लड़ाकू विमान के साथ एएमसीए को भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार बनाने की योजना है। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सिंह ने एएमसीए के लिए ‘निष्पादन मॉडल’ को मंजूरी दे दी है जिसे उद्योग भागीदारों के सहयोग से एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) द्वारा विकसित किया जाएगा।

विमान के विकास के लिए महत्वपूर्ण चरण को मंजूरी ऐसे समय में दी गई है जब इस क्षेत्र में चीन की तीव्र प्रगति के मद्देनजर भारत की वायु शक्ति को मजबूत करने पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।

बयान में कहा गया है, ‘‘भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और एक मजबूत घरेलू एयरोस्पेस औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) कार्यक्रम निष्पादन मॉडल को मंजूरी दे दी है।’’

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘‘निष्पादन मॉडल’’ का दृष्टिकोण निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को प्रतिस्पर्धी आधार पर समान अवसर प्रदान करता है।

मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘वे स्वतंत्र रूप से या संयुक्त उद्यम या संघ के रूप में बोली लगा सकते हैं। इकाई/बोलीदाता देश के कानूनों और नियमों का अनुपालन करने वाली भारतीय कंपनी होनी चाहिए।’

बयान में कहा गया, ‘‘यह एएमसीए विकसित करने के लिए स्वदेशी विशेषज्ञता और क्षमता का उपयोग करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने लड़ाकू विमान कार्यक्रम को पिछले साल सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी।

परियोजना की प्रारंभिक विकास लागत करीब 15,000 करोड़ रुपये आंकी गई है।

भारतीय वायुसेना एएमसीए परियोजना की दीर्घकालिक आवश्यकता को देखते हुए इस पर जोर दे रही है।

हल्के लड़ाकू विमान तेजस को विकसित करने के बाद एएमसीए विकसित करने को लेकर भारत का विश्वास काफी बढ़ गया है।

सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा निर्मित तेजस विमान हवाई युद्ध और आक्रामक हवाई सहायता मिशनों के लिए एक शक्तिशाली मंच है, जबकि टोही और जहाज-रोधी अभियान जैसे द्वितीयक काम में भी यह भूमिका निभा सकता है।

भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के पास वर्तमान में पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान नहीं है। चीन के पास पहले से ही चेंगदू जे-20 जेट हैं, जिसके बारे में वह पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान होने का दावा करता है।

भारतीय वायुसेना 114 बहु उद्देश्यीय लड़ाकू विमान (एमआरएफए) खरीदने की प्रक्रिया में भी है।

भारतीय वायुसेना ने अप्रैल, 2019 में लगभग 18 अरब अमरीकी डॉलर की लागत से 114 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए प्रारंभिक निविदा जारी की थी। इसे हाल के वर्षों में दुनिया के सबसे बड़े सैन्य खरीद कार्यक्रमों में से एक के रूप में पेश किया गया था।

भाषा संतोष माधव

माधव

 

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