रूस के रक्षा मंत्री के साथ राजनाथ की बैठक में सुखोई विमानों के उन्नयन पर चर्चा हुई

रूस के रक्षा मंत्री के साथ राजनाथ की बैठक में सुखोई विमानों के उन्नयन पर चर्चा हुई

रूस के रक्षा मंत्री के साथ राजनाथ की बैठक में सुखोई विमानों के उन्नयन पर चर्चा हुई
Modified Date: June 27, 2025 / 04:38 pm IST
Published Date: June 27, 2025 4:38 pm IST

नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीन के चिंगदाओ शहर में अपने रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के साथ हुई वार्ता में भारत के सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू बेड़े का उन्नयन करना, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों का उत्पादन और एस-400 मिसाइल प्रणालियों की दो खेप की शीघ्र आपूर्ति पर प्रमुखता से चर्चा हुई।

सिंह और बेलौसोव ने बृहस्पतिवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय बैठक की।

भारतीय वायुसेना करीब 260 सुखोई 30-एमकेआई लड़ाकू विमानों का संचालन कर रही है और वह एक महत्वाकांक्षी योजना के तहत बेड़े का उन्नयन करने पर विचार कर रही है।

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रूसी मूल के सुखोई विमानों ने पिछले महीने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि सिंह और बेलौसोव ने वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति, सीमा पार से होने वाले आतंकवाद और भारत-रूस रक्षा सहयोग जैसे विषयों पर गहन चर्चा की।

रूस के रक्षा मंत्री ने भारत-रूस के दीर्घकालिक संबंधों को रेखांकित किया और पहलगाम आतंकी हमले पर भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘एस-400 प्रणाली की आपूर्ति, सुखोई-30 एमकेआई का उन्नयन और शीघ्रता से महत्वपूर्ण सैन्य साजो-सामान की खरीद पर बैठक में प्रमुखता से चर्चा हुई।’’

बयान के अनुसार, ‘‘यह दोनों देशों के नेताओं के बीच हाल की सबसे महत्वपूर्ण बैठकों में से एक थी, जो ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में आयोजित की गई। साथ ही, रक्षा उत्पादन, विशेष रूप से वायु रक्षा, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और वायु रक्षा प्लेटफार्म के उन्नयन जैसे महत्वपूर्ण साजो-सामान की आपूर्ति को बढ़ाने की आवश्यकता है।’’

बताया जा रहा है कि बेलौसोव के साथ बातचीत में सिंह ने भारत को एस-400 ट्रायम्फ सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की दो शेष इकाइयों की आपूर्ति में तेजी लाने पर जोर दिया।

रूस पहले ही 5.5 अरब डॉलर के सौदे के तहत भारत को लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली की तीन इकाइयां आपूर्ति कर चुका है।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद, पाकिस्तान के साथ 7 से 10 मई तक चले सैन्य संघर्ष के दौरान भारतीय वायुसेना द्वारा मिसाइल प्रणालियों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था।

सिंह ने एससीओ बैठक से इतर बेलारूस, ताजिकिस्तान और कजाकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ता भी की।

रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘मंत्रियों के साथ अपनी बातचीत में रक्षा मंत्री (राजनाथ) ने रक्षा सहयोग में निरंतर भागीदारी और तकनीकी सहयोग के क्षेत्रों में सहयोग के नये अवसर तलाशने के महत्व को रेखांकित किया।’’

उन्होंने रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भारत द्वारा तेजी से की गई प्रगति को रेखांकित किया।

सिंह ने अपने समकक्षों को पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भी जानकारी दी।

भाषा सुभाष पवनेश

पवनेश


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