गुजरात कैडर के एडीशनल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को सीबीआई में स्पेशल डायरेक्टर बनाया गया है। राकेश अस्थाना बहुचर्चित चारा घोटाला मामले की जांच के बाद सुर्खियों में आए थे.
1984 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी #RakeshAsthana को केंद्रीय जांच ब्यूरो (#CBI) का विशेष निदेशक नियुक्त किया गया pic.twitter.com/D0E43cBPHh
— IBC24 (@IBC24News) October 23, 2017
उन्होंने लालू यादव के खिलाफ 1996 में चार्जशीट दायर कर उन्हें गिरफ्तार करवाया था। 1997 में उनके समय ही लालू पहली बार गिरफ्तार हुए। उस समय उनकी उम्र 35 वर्ष थी। वे तब सीबीआई एसपी के तौर पर तैनात थे।
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अस्थाना को मूल रूप से लालू से पूछताछ के लिए ही जाना जाता है। 1997 को उन्होंने चारा घोटाले में लालू से 6 घंटे तक पूछताछ की थी। अस्थाना ने ही धनबाद में डीजीएमएस के महानिदेशक को घूस लेते पकड़ा था। उस समय तक पूरे देश में अपने तरीके का यह पहला मामला था, जब महानिदेशक स्तर के अधिकारी सीबीआई गिरफ्त में आए थे।
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अस्थाना ने ही चर्चित गोधरा कांड की भी जांच की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आर.के. राघवन की अगुआई में गठित हुई एसआईटी ने भी सही माना था। अहमदाबाद में 26 जुलाई, 2008 को हुए बम ब्लास्ट की जांच का जिम्मा राकेश को ही दिया गया था। उन्होंने 22 दिनों में ही केस को सुलझा दिया था।
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अस्थाना ने ही आसाराम बापू और उनके बेटे नारायण सांईं के मामले में भी जांच की थी। फरार चल रहे नारायण सांईं को हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर पकड़ा था। वर्तमान समय में अस्थाना को सीबीआई का एडिशनल डायरेक्टर बनाया गया है। इस पद पर इनकी नियुक्ति 4 साल के लिए हुई है।
राकेश धनबाद में सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के एसपी रह चुके हैं। वे रांची में डीआईजी पद पर थे। राकेश अस्थाना का नाम कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार अधिकारियों की सूची में खास तौर से शामिल रहा है। 1994 में उन्होंने सनसनीखेज पुरुलिया आर्म्स ड्रॉप केस की फील्ड इंवेस्टिगेशन सुपरवाइज की थी।
वेब डेस्क, IBC24
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