GST Council Meeting: Recommendations of finance ministers accepted

GST Council Meeting:वित्त मंत्रियों की सिफारिशें हुई स्वीकार, अब पनीर, दही, शहद, खाना होगा और महंगा

अब दही, पनीर, शहद, मांस और मछली जैसे डिब्बा बंद और लेबल-युक्त या ब्रांडेड चीजें महंगी हो जाएंगी।उत्पादों पर अब पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:19 PM IST, Published Date : June 29, 2022/10:55 am IST

चंडीगढ़|GST Council Meeting: अब दही, पनीर, शहद, मांस और मछली जैसे डिब्बा बंद और लेबल-युक्त या ब्रांडेड चीजें महंगी हो जाएंगी। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन खाद्य पदार्थों पर माल एवं सेवा कर (GST) लगाने का फैसला हुआ है, साथ ही चेक जारी करने के एवज में बैंकों की तरफ से लिये जाने पर शुल्क पर भी जीएसटी देना पड़ेगा।>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

राज्यों के वित्त मंत्रियों की सिफारिशें स्वीकार
GST Council Meeting: अधिकारियों ने बताया कि जीएसटी परिषद ने राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह की ज्यादातर सिफारिशों को मान लिया गया है। परिषद जीएसटी से जुड़े मसलों पर निर्णय लेने वाली शीर्ष निकाय है। परिषद के समक्ष जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के मकसद से छूट वापस लेने को लेकर राज्यों के वित्त मंत्रियो के समूह की सिफारिशें आई थीं। इनमें से ज्यादातर को स्वीकार कर लिया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं।

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अब तक इन वस्तुओं पर थी जीएसटी से छूट
GST Council Meeting: परिषद ने दो दिन की बैठक के पहले दिन मंगलवार को जीएसटी से छूट की समीक्षा को लेकर मंत्री समूह (जीओएम) की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया। यह छूट फिलहाल डिब्बाबंद और लेबल युक्त खाद्य पदार्थों को मिलती है। इससे डिब्बा बंद मांस (फ्रोजन छोड़कर), मछली, दही, पनीर, शहद, सूखा मखाना, सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज, गेहूं का आटा, मूढ़ी, गुड़ और जैविक खाद जैसे उत्पादों पर अब पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा।

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इसी प्रकार, चेक जारी करने पर बैंकों द्वारा लिये जाने वाले शुल्क पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। एटलस समेत नक्शे और चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। वहीं खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी। इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है। अभी इस पर कोई कर नहीं लगता है। भारांश औसत जीएसटी को बढ़ाने के लिये दरों को युक्तिसंगत बनाना महत्वपूर्ण है। भारांश औसत जीएसटी घटकर 11.6 प्रतिशत पर आ गया है जो इस कर व्यवस्था के लागू होने के समय 14.4 प्रतिशत था।

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आज होगा इन मुद्दों पर विचार
GST Council Meeting: परिषद बुधवार को राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई के लिये क्षतिपूर्ति व्यवस्था जून, 2022 के बाद भी जारी रखने की मांग पर विचार कर सकती है। इसके अलावा कसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। छत्तीसगढ़ जैसे विपक्ष-शासित राज्य जीएसटी क्षतिपूर्ति व्यवस्था को पांच साल के लिए बढ़ाने या राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी मौजूदा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 70-80 प्रतिशत करने की मांग कर रहे हैं।