कुलपति की नियुक्ति पर विश्वविद्यालयों में अनिश्चितता को दूर करना प्राथमिकता थी: केरल की मंत्री बिंदु

कुलपति की नियुक्ति पर विश्वविद्यालयों में अनिश्चितता को दूर करना प्राथमिकता थी: केरल की मंत्री बिंदु

कुलपति की नियुक्ति पर विश्वविद्यालयों में अनिश्चितता को दूर करना प्राथमिकता थी: केरल की मंत्री बिंदु
Modified Date: December 17, 2025 / 07:01 pm IST
Published Date: December 17, 2025 7:01 pm IST

तिरुवनंतपुरम, 17 दिसंबर (भाषा) केरल की उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिंदु ने बुधवार को कहा कि राज्य-संचालित दो तकनीकी विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों पर अंतिम निर्णय ले लिया गया है ताकि लंबे समय से चली आ रही अनिश्चितता को समाप्त किया जा सके, जिसने संस्थानों के दैनिक कामकाज को गंभीर रूप से प्रभावित किया था।

मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, “केरल के विश्वविद्यालय उत्कृष्ट शिक्षण केंद्र हैं। सरकार की प्राथमिकता उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार कुलपति की नियुक्तियों के जरिए अनिश्चितता को दूर करना था।”

उन्होंने कहा कि सरकार और राज्यपाल ने एपीजे अब्दुल कलाम टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (केटीयू) और केरल यूनिवर्सिटी ऑफ डिजिटल साइंसेज में कुलपति की नियुक्ति पर अंतिम निर्णय ले लिया है। यह फैसला उस अनिश्चितता को ध्यान में रखकर लिया गया, जिसने विश्वविद्यालयों के दैनिक प्रशासन को बाधित किया था।

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बिंदु ने कहा कि नियुक्तियों में देरी के कारण छात्रों को नुकसान उठाना पड़ा और उम्मीद जताई कि नए कुलपति विश्वविद्यालयों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान करेंगे।

मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने कुलपति नियुक्ति विवाद को सुलझाने के लिए कई पहल की थीं और यह मामला हाल में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की मुलाकात के बाद, उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुरूप, सुलझ पाया।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि अन्य विश्वविद्यालयों में भी कुलपति नियुक्तियां बिना किसी अड़चन के पूरी होंगी।

बिंदु ने संसद में प्रस्तावित ‘विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान विधेयक’ की आलोचना करते हुए कहा कि यह समवर्ती सूची के तहत विश्वविद्यालयों से जुड़े बुनियादी नियमों का उल्लंघन करता है।

भाषा

राखी प्रशांत

प्रशांत


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