कोच्चि, नौ अगस्त (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने वाम सरकार को अपने उसे फैसले पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है, जिसमें उसने एक परमार्थ संस्था द्वारा बधिरों के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त कॉलेज खोलने के अनुरोध को खारिज कर दिया था।
अदालत ने कहा कि इस अनुरोध को ‘‘अनसुना नहीं किया जा सकता।’’
न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने कहा कि राज्य सरकार की किसी भी सहायता प्राप्त कॉलेज को अनुमति नहीं देने की नीति को ऐसे ही ‘‘लागू नहीं किया जा सकता।’’ उन्होंने कहा कि जहां ऐसे संस्थान से छात्रों को फायदा मिल सकता है, ‘‘ वहां समाज को व्यापक स्तर पर इसका समर्थन करना चाहिए और सहानुभूति दिखानी चाहिए।’’
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ वे भले ही बधिरों की बात कर रहे हैं, लेकिन उनके अनुरोध को अनसुना नहीं किया जा सकता।’’
अदालत ‘सेक्रेड हार्ट क्लेरिस्ट प्रोविंस चैरिटेबल सोसायटी’ की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से बधिर छात्रों के लिए एक सहायता प्राप्त कला एवं विज्ञान कॉलेज शुरू करने की मंजूरी देने का अनुरोध किया गया है।
भाषा निहारिका मनीषा
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