तमिलनाडु के कुलसेकरपट्टिनम से 2027 से रॉकेट प्रक्षेपित किए जाएंगे : इसरो प्रमुख

तमिलनाडु के कुलसेकरपट्टिनम से 2027 से रॉकेट प्रक्षेपित किए जाएंगे : इसरो प्रमुख

तमिलनाडु के कुलसेकरपट्टिनम से 2027 से रॉकेट प्रक्षेपित किए जाएंगे : इसरो प्रमुख
Modified Date: December 11, 2025 / 07:42 pm IST
Published Date: December 11, 2025 7:42 pm IST

तिरुनेलवेली (तमिलनाडु), 11 दिसंबर (भाषा) तमिलनाडु के कुलसेकरपट्टिनम से 2027 से रॉकेटों का प्रक्षेपण किया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

भारत का दूसरा अंतरिक्ष केंद्र तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में निर्माणाधीन है, जिसका उपयोग लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) के प्रक्षेपण के लिए किया जाएगा।

नारायणन ने यहां आईएनएस कट्टाबोम्मन बेस पर पत्रकारों से कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2023 में इस परियोजना की शुरुआत की थी। इससे संबंधित सभी कार्य बहुत अच्छी तरह से आगे बढ़ रहे हैं। 2027 की शुरुआत में वहां से रॉकेट प्रक्षेपित किए जाएंगे।”

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सूत्रों ने बताया कि नारायणन, जो अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष भी हैं, ने भारतीय नौसेना के महत्वपूर्ण ‘वेरी लो फ्रीक्वेंसी’ (वीएलएफ) और ‘एक्सट्रीमली लो फ्रीक्वेंसी’ (ईएलएफ) संचार बेस के अधिकारियों के साथ बंद कमरे में एक बैठक की।

नारायणन ने गगनयान मिशन के बारे में कहा कि उसकी प्रगति “बहुत अच्छी” है।

उन्होंने कहा, “रॉकेट की डिजाइन, विकास और अन्य प्रारंभिक कार्य बहुत अच्छी तरह से आगे बढ़ रहे हैं।”

उन्होंने बताया कि ‘क्रू एस्केप सिस्टम’, जो किसी भी समस्या की स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापस लाने में मिशन को सक्षम बनाएगा, सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है।

नारायणन ने कहा, “हमने इसके लिए लगभग 8,000 परीक्षण किए हैं।”

उनके अनुसार, गगनयात्रियों को 2027 में भेजने की योजना है।

इसरो प्रमुख ने कहा, “उससे पहले, तीन रॉकेट बिना चालक दल के भेजने की योजना है, और इसके लिए सभी काम जारी हैं।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुसार, 2035 से पहले एक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित किया जाएगा।

अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष ने कहा, “इसके लिए हम कुल पांच मॉड्यूल की योजना बना रहे हैं। इनमें से पहला मॉड्यूल 2028 में प्रक्षेपित करने की योजना है। इसके लिए मंजूरी पहले ही मिल चुकी है।”

भाषा प्रशांत नरेश

नरेश


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