नयी दिल्ली, आठ मई (भाषा) फ्रांसीसी उपन्यास ‘मुअरसो, कॉन्तरन्केत’ के बंगाली अनुवाद ने पांचवां रोमेन रोलैंड बुक पुरस्कार जीता है।
आयोजकों ने एक बयान में कहा कि यह पुरस्कार शनिवार को आयोजित फ्रेंच लिटफेस्ट 2022 के दौरान अनुवादक त्रिनंजन चक्रवर्ती और प्रकाशक पत्र भारती को प्रदान किया गया।
‘मुअरसो, कॉन्तरन्केत’ अल्जीरियाई लेखक और पत्रकार कामेल दाउद का पहला उपन्यास है। पुस्तक ने अन्य चयनित पुस्तक – मार्जाने सतरापी की ‘पर्सेपोलिस’ के हिंदी अनुवाद को पीछे छोड़ते हुए यह पुरस्कार जीता।
विजेता प्रकाशक ईशा चटर्जी ने कहा, ‘‘कामेल दाउद की एक बहुत ही महत्वपूर्ण पुस्तक ‘मुअरसो, कॉन्तरन्केत’ के अनुवाद के लिए बोनजोर इंडिया फेस्टिवल में गणमान्य व्यक्तियों और सम्मानित अतिथियों के बीच रोमेन रोलैंड पुरस्कार प्राप्त करना बड़े सम्मान की बात है।’’
शनिवार को आयोजित फ्रेंच लिटफेस्ट 2022 चल रहे ‘बॉनजोर इंडिया’ का हिस्सा था। यह फ़्रांस सरकार द्वारा वित्त पोषित और फ़्रांस दूतावास द्वारा समर्थित उत्सव है।
भाषा अमित नेत्रपाल
नेत्रपाल
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