पीएफआई से पहले आरएसएस पर प्रतिबंध लगना चाहिए था: लालू, भाजपा ने किया पलटवार |

पीएफआई से पहले आरएसएस पर प्रतिबंध लगना चाहिए था: लालू, भाजपा ने किया पलटवार

पीएफआई से पहले आरएसएस पर प्रतिबंध लगना चाहिए था: लालू, भाजपा ने किया पलटवार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:08 PM IST, Published Date : September 28, 2022/5:58 pm IST

पटना/नई दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को एक हिंदू चरमपंथी संगठन बताते हुए बुधवार को कहा कि इसपर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।

प्रसाद ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस्लामिक चरमपंथी संगठन पीएफआई पर प्रतिबंध के बारे में पत्रकारों के सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की।

दिल्ली में अपनी पार्टी के शीर्ष (अध्यक्ष) पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद सत्तर वर्षीय प्रसाद ने कहा कि वे (सरकार के बैठे लोग) पीएफआई के चरमपंथी होने का दावा करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि आरएसएस हिंदू चरमपंथी संगठन है जिसपर पहले प्रतिबंध लगना चाहिए ।

सन् 1997 में राजद की स्थापना के बाद से राजद का नेतृत्व कर रहे प्रसाद के अगले महीने फिर इस पद पर चुने जाने की संभावना है।

प्रसाद की इस टिप्पणी पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उसने प्रसाद पर वोट बैंक और छद्म धर्मनिरपेक्षता की राजनीति करने का आरोप लगाया।

भाजपा की बिहार इकाई के प्रवक्ता निखिल आनंद ने एक बयान में कहा, ‘‘ लालू जी का लक्ष्य पीएफआई का समर्थन कर अपने मुस्लिम आधार को मजबूत करना है। इसी कारण से वह आरएसएस और उसके सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के आदर्श के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया रखते हैं।’’

सन् 1990 में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा को रोककर उन्हें गिरफ्तार करने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री प्रसाद ने यह भी दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा पार्टी का सफाया हो जाएगा ।

स्वास्थ्य की दृष्टि से कमजोर राजद प्रमुख से जब यह पूछा गया कि क्या उन्हें उम्मीद है कि उनके बेटे बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव एक दिन राज्य पर शासन करेंगे, तो उन्होंने कहा, ‘‘ बिलकुल।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसी स्थिति में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश की कमान संभालेंगे, प्रसाद ने कहा, ‘‘सब लोग मिल कर संभालेंगे।’’

संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के कट्टर समर्थक रहे प्रसाद ने कुमार के साथ पिछले रविवार को गांधी से मुलाकात की थी।

संप्रग की पहली सरकार में रेल मंत्री रहे प्रसाद ने कहा कि सोनिया गांधी के साथ हमारी बातचीत उपयोगी रही है , आगे और भी बैठकें होंगी।

जब उनसे यह कहा कि भाजपा के कई नेताओं ने यह सवाल उठाया कि सोनिया गांधी के साथ बैठक की तस्वीरें क्यों जारी नहीं की गईं, तब कुछ नाराजगी के साथ प्रसाद ने कहा, ‘‘‘ हम एक महिला से उनके चैंबर में मिलने गये थे। क्या यह फोटो सेशन था? हमने एक घंटा या उससे अधिक समय तक बात की होगी और वे दावा करते हैं कि बैठक ही नहीं हुई।’’

भाषा अनवर

राजकुमार

राजकुमार

 

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