कांग्रेस से दूरियां, AAP से नजदीकियां…! पायलट के अनशन में लगे पोस्टरों में नहीं दिखे सोनिया और राहुल, आखिर क्या है वजह
पायलट के अनशन में लगे पोस्टरों में नहीं दिखे सोनिया और राहुल:Sachin Pilot did not put Sonia-Rahul Gandhi's photo in the poster
Sachin Pilot did not put Sonia-Rahul Gandhi's photo in the poster
Sachin Pilot did not put Sonia-Rahul Gandhi’s photo in the poster : जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच का ‘युद्ध’ फिर से शुरू होने जा रहा है। रविवार को राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने राज्य के CM अशोक गहलोत एवं वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों पर बैठने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं, उन्होंने इन मामलों पर कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को कांग्रेस नेता सचिन पायलट का अनशन आंदोलन शुरू हो गया है।
Sachin Pilot did not put Sonia-Rahul Gandhi’s photo in the poster : ऐसे में सचिन पायलट का अनशन न केवल गहलोत सरकार के पब्लिक नैरेटिव को डैमेज करेगा, बल्कि कांग्रेस पार्टी को भी विधानसभा चुनाव में बड़ा नुकसान पहुंचाएगा। इसलिए कांग्रेस पार्टी ने पायलट को इस अनशन को रोकने के लिए सख्त हिदायत दी थी लेकिन साफतौर से देखा जा रहा है कि पायलट ने अलाकमान की बातों को दरकिनार कर अपना अनशन शुरू कर दिया है। इससे यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सचिन पायलट ने कांग्रेस से बगावत करना शुरू कर दिया है।
पोस्टर में नहीं है सोनिया-राहुल की तस्वीर
Sachin Pilot did not put Sonia-Rahul Gandhi’s photo in the poster : चुनाव से पहले सचिन पायलट के बगावती तेवर राजस्थान की राजनीति में भूचाल ला सकता है। वहीं सचिन ने तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी को तक दरकिनार कर दिया है। क्योंकि यहां लगे पोस्टरों में राहुल-सोनिया से लेकर किसी भी कांग्रेसी नेता के फोटो नहीं है। केवल महात्मा गांधी की फोटो लगाई गई है।
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पायलट बनाएंगे अपनी अलग पार्टी?
CM अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बीच कुर्सी की जंग तो काफी समय से चली आ रही है। कई बार तो दोनों के बीच सामान्जस्य बैठाने की कोशिश सोनिया और राहुल गांधी के अलावा पार्टी के दिग्गज नेताओं ने तक की लेकिन बात नहीं बनी। इस अनशन के जरिए कई कयास लगाए जा रहे है। सांकेतिक नजरिए से देखा जाए तो पायलट के कांग्रेस छोड़कर खुद की पार्टी बनाने की संभावना जता रहा है। उन संभावनाओं को इसलिए भी बल मिला है कि सचिन पायलट ने जिस तरह वसुंधरा राजे और BJP के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया है उससे उनके तीसरे मोर्चें की तरफ रुझान की तरफ देखा जा रहा है।
सचिन पायलट दिन भर अनशन करने के साथ अपनी सियासी लाइन साफ कर सकते हैं। पायलट भाषण में गहलोत और पार्टी को लेकर क्या टोन रखते हैं, उससे उनके कांग्रेस में रहकर लड़ने या तीसरा मोर्चा बनाने का संकेत मिल जाएगा। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पायलट ने सियासी लाइन साफ करने के लिए ही चुप्पी तोड़ी है।
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पायलट को आप का समर्थन
आम आदमी पार्टी ने पायलट के अनशन का समर्थन करते हुए जनता से साथ देने की अपील की है। आप प्रभारी विनय मिश्रा ने ट्वीट कि आज अगर राजस्थान को किसी ने लुटा है तो वो वसुंधरा जी और अशोक गहलोत जी का अटूट गठबंधन है। जिसके कारण राजस्थान पर देश में सबसे ज्यादा 5 लाख करोड़ का कर्ज है। मैं इस बात को हमेशा से कहता आ रहा हूं की कांग्रेस और भाजपा का अटूट गठबंधन है। अब तो खुद इनके नेता कह रहे हैं की गहलोत जी,और वसुंधरा जी मिलकर सरकार बना रहे हैं। ये बेहद गंभीर मामला है।

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