संभल हिंसा: परिजन ने जेल में बंद जफर अली की जान को खतरा बताया

संभल हिंसा: परिजन ने जेल में बंद जफर अली की जान को खतरा बताया

संभल हिंसा: परिजन ने जेल में बंद जफर अली की जान को खतरा बताया
Modified Date: March 25, 2025 / 04:01 pm IST
Published Date: March 25, 2025 4:01 pm IST

संभल (उप्र), 25 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पिछले साल 24 नवंबर को हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार करके मुरादाबाद जेल भेजे गये शाही जामा मस्जिद प्रबंधन समिति के अध्यक्ष जफर अली के परिजन ने जेल प्रशासन पर उनसे कारागार में मुलाकात नहीं करने देने का आरोप लगाते हुए उनकी (जफर की) जान को खतरा बताया है।

जफर अली के बड़े भाई मोहम्मद ताहिर अली ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जफर के परिजन को जेल में उनसे मुलाकात नहीं करने दी जा रही है। ऐसा बर्ताव किया जा रहा है कि जैसे वह (जफर) कोई दुर्दांत अपराधी हों।

उन्होंने कहा, ”जेल में जफर की जान को खतरा है। उनकी उम्र 70 वर्ष है और उन्हें दवा भी उपलब्ध कराने नहीं दी जा रही है। पुलिस बदतमीजी के साथ पेश आ रही है।”

 ⁠

ताहिर ने कहा कि संभल हिंसा मामले की जांच में जफर अली ने हर वक्त प्रशासन का भरपूर सहयोग किया और उसी का इनाम जफर को दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि न्यायालय से न्याय मिलेगा। (मुझे) न्यायालय पर पूरा भरोसा है।’’

उन्होंने एक सवाल पर मांग की कि जफर अली को बिना शर्त रिहा किया जाए।

शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली को पिछले साल 24 नवंबर को हुई हिंसा मामले में रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। ताहिर अली ने आरोप लगाया था कि उनके छोटे भाई (जफर) को सोमवार को संभल हिंसा मामले की जांच के लिए गठित आयोग के समक्ष पेश होना था, इसीलिए उन्हें जानबूझकर गिरफ्तार करके जेल भेजने की साजिश को अंजाम दिया गया है।

पिछले साल 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी तथा कई पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 19 लोग जख्मी हो गए थे। घटना के बाद जफर अली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि हिंसा के लिए पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज चौधरी और उप जिलाधिकारी वंदना मिश्रा जिम्मेदार हैं तथा पुलिस की ही गोली से चार लोगों की मौत हुई है।

भाषा

सं. सलीम सुरेश

सुरेश


लेखक के बारे में