राजस्थान में भाजपा के सत्ता में आने पर संजीवनी सोसायटी मामले की जांच ठंडे बस्ते में गयी : गहलोत

राजस्थान में भाजपा के सत्ता में आने पर संजीवनी सोसायटी मामले की जांच ठंडे बस्ते में गयी : गहलोत

राजस्थान में भाजपा के सत्ता में आने पर संजीवनी सोसायटी मामले की जांच ठंडे बस्ते में गयी : गहलोत
Modified Date: March 30, 2025 / 07:21 pm IST
Published Date: March 30, 2025 7:21 pm IST

जयपुर, 30 मार्च (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को आरोप लगाया कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार आने के बाद संजीवनी सोसायटी मामले की जांच भी लगभग बंद हो गई है।

गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए।

उन्होंने आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले मामले में अनियमितताओं की ओर भी इशारा किया और आरोप लगाया कि सिरोही में स्थानीय अधिकारियों ने प्रवर्तन निदेशालय की अनुमति के बिना 22 बीघा जमीन बाजार मूल्य से एक-चौथाई कीमत पर नीलाम कर दी।

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गहलोत ने कहा, ‘‘आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी ने राजस्थान, गुजरात समेत कई राज्यों में आम लोगों से ठगी की एवं उनकी मेहनत की कमाई को लूटा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस लूट की कमाई से अर्जित की गई कई संपत्तियों को अटैच किया जिससे कानूनी प्रक्रिया पूर्ण कर निवेशकों को उनकी राशि लौटाई जा सके।’’

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ आठ अप्रैल 2019 को आदर्श सोसायटी की संपति अटैच करने के बाद 2024 एवं 2025 में बिना प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अनुमति के सिरोही के अधिकारियों ने कई जमीनों का नामांतरण अवसायक (लिक्विडेटर ) के नाम पर खोल दिया।’’

उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि भाजपा के नेता एवं राज्य सरकार के अधिकारी मिलकर निवेशकों के साथ अन्याय कर रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ इसी प्रकार, राज्य में भाजपा सरकार आने के बाद संजीवनी सोसाइटी मामले की जांच भी लगभग रुक सी गई है और कई आरोपियों को एसओजी अब आरोपी ही नहीं मान रही है।’’

गहलोत ने कहा, ‘‘ मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से आग्रह करता हूं कि आदर्श सोसायटी के मामले में की जा रही इन वित्तीय अनियमितताओं पर संज्ञान लें एवं राजस्थान में आदर्श, संजीवनी जैसी सोसायटियों के पीड़ितों को न्याय दिलवाने की कार्रवाई करें।’’

भाषा

कुंज, रवि कांत

रवि कांत


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