नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग करने के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एसके कौल की बेंच ने कहा कि राज्यपाल के फैसले में हम दखल नहीं देना चाहते। याचिका पूर्व विधायक गगन भगत की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इससे पहले बीजेपी व केंद्र सरकार ने राज्यपाल के फैसले को सही ठहराया था।
बता दें कि राज्यपाल के फैसले को पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने इसे उनकी सरकार के गठन को रोकने की साजिश बताया था। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश किए जाने के कुछ ही देर बाद जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य विधानसभा को भंग कर दिया था।
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उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के संविधान के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की गई है। इससे कुछ ही समय पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेंस के समर्थन से जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का दावा पेश किया था। मुफ्ती ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक को लिखे पत्र में कहा था कि राज्य विधानसभा में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी है, जिसके 29 सदस्य हैं।