नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) उच्च्तम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह मुस्लिम निकाय जमीयत उलेमा-ए-हिंद और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर दशहरे की छुट्टी के बाद सुनवाई करेगा जिनमें विभिन्न राज्य सरकारों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि दंगों के मामलों में आरोपियों की संपत्तियों को नहीं गिराया जाए।
यह मामला न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया। पीठ को बताया गया कि एक पक्ष द्वारा स्थगन की मांग करने वाला एक पत्र भेजा गया है।
याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि मामले में दलीलें पूरी हो चुकी हैं और न्यायालय इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर सकता है।
इस पर पीठ ने कहा, ‘हम छुट्टी के बाद मिल सकते हैं।’
इससे पहले सर्वोच्च अदालत ने सात सितंबर को कहा था कि वह इन याचिकाओं पर दो सप्ताह बाद सुनवाई करेगी।
उससे पहले 13 जुलाई को, उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शनों में शामिल लोगों की संपत्तियों को गिराए जाने पर रोक लगाने वाला कोई भी अंतरिम निर्देश पारित करने से इनकार कर दिया था।
न्यायालय ने कहा था कि अगर कोई अवैध निर्माण होता है और नगर निगम या परिषद कार्रवाई करने के लिए अधिकृत है तो वह तोड़फोड़ पर कोई व्यापक आदेश कैसे पारित कर सकता है।
भाषा अविनाश पवनेश
पवनेश
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