ट्रक मालिकों के लिए कबाड़ नीति महंगी, इंजनों के प्रतिस्थापन की अनुमति दी जाए : द्रमुक सांसद कुमार
ट्रक मालिकों के लिए कबाड़ नीति महंगी, इंजनों के प्रतिस्थापन की अनुमति दी जाए : द्रमुक सांसद कुमार
नयी दिल्ली, 10 दिसम्बर (भाषा) राज्यसभा में द्रमुक सदस्य के आर एन राजेश कुमार ने बुधवार को सरकार से आग्रह किया कि वाहन कबाड़ नीति के तहत पुराने व्यावसायिक ट्रकों को अनिवार्य रूप से सेवा से हटा कर निस्तारण (स्क्रैप) करने के बजाय उनके इंजनों को बदलने की अनुमति दी जाए।
शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए राजेश कुमार ने कहा कि प्रदूषण कम करने और सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए कबाड़ नीति का उद्देश्य ‘‘निस्संदेह सराहनीय’’ है।
उन्होंने कहा कि 20 वर्ष से अधिक पुराने व्यावसायिक वाहनों, विशेषकर ट्रकों, को अनिवार्य रूप से सेवा से हटा कर स्क्रैप करना और फिटनेस प्रमाणपत्र शुल्क में बढ़ोतरी से ‘‘असंख्य ट्रक मालिकों की आजीविका को गंभीर रूप से प्रभावित’’ हो रही है।
द्रमुक सदस्य ने कहा, ‘‘इनमें से कई ट्रक — जो भारतीय माल परिवहन की रीढ़ हैं — संरचनात्मक रूप से मजबूत हैं। प्रदूषण का मुख्य कारण आमतौर पर पुराना इंजन होता है।’’
उन्होंने तर्क दिया कि पुराने प्रदूषणकारी इंजनों को नए बीएस-6 अनुरूप इंजनों से बदलना एक ‘‘व्यावहारिक और किफायती’’ समाधान है, जिससे वाहनों का तकनीकी उन्नयन भी संभव है।
राजेश कुमार ने सवाल किया, ‘‘जब केवल इंजन बदलने की जरूरत है, तो पूरे सेवा योग्य ट्रक को स्क्रैप करने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है?’’
उन्होंने कहा कि यह नीति छोटे ट्रक मालिकों पर ‘‘भारी आर्थिक बोझ’’ डाल रही है, क्योंकि वे नए वाहन खरीदने पर लाखों रुपये खर्च करने की क्षमता नहीं रखते।
द्रमुक सदस्य ने यह भी कहा कि इससे मालवहन क्षमता कम होने के चलते सामान को रखने-पहुंचाने की लागत बढ़ती है, जो अंततः आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में मुद्रास्फीति का कारण बनती है।
राजेश कुमार ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से इस नीति पर पुनर्विचार करने और 20 साल से अधिक पुराने ट्रकों को छूट देने का अनुरोध किया, बशर्ते मालिक पुराने इंजनों को नए प्रमाणित बीएस-6 इंजनों से बदलें।
उन्होंने फिटनेस प्रमाणपत्र शुल्क घटाने की भी मांग की और कहा कि इंजन बदलने के बाद अनिवार्य फिटनेस परीक्षण ‘‘बिना हमारी आर्थिक रीढ़ को कमजोर किए, पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने का एक व्यावहारिक तरीका है। ’’
भाषा मनीषा माधव
माधव

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