पार्टी के कामकाज को लेकर वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक मंचों से बात नहीं करनी चाहिए : कांग्रेस

पार्टी के कामकाज को लेकर वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक मंचों से बात नहीं करनी चाहिए : कांग्रेस

पार्टी के कामकाज को लेकर वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक मंचों से बात नहीं करनी चाहिए : कांग्रेस
Modified Date: November 29, 2022 / 08:26 pm IST
Published Date: November 23, 2020 11:54 am IST

नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के हालिया बयान को लेकर सोमवार को कहा कि पार्टी के आंतरिक कामकाज को लेकर वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक मंचों से बात नहीं करनी चाहिए और वो जो सलाह दे रहे हैं, उन्हें इनको खुद भी आत्मसात करना चाहिए।

पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि अगर इन नेताओं के पास कोई सुझाव है तो कांग्रेस इन्हें सुनने के लिए तैयार है, लेकिन उन्हें अपनी बात पार्टी के मंच पर रखनी चाहिए।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जिनकी बात हो रही है, वो वरिष्ठ नेता हैं। इनसे हमने अनुशासन सीखा है और संगठन एवं सरकारों में कैसे काम करना चाहिए, उनसे सीखा है। आज इनमें से जब कोई सार्जनिक मंच पर बात करता है, तो हमें आघात लगता है कि ऐसा क्यों हो रहा है।’’

 ⁠

खेड़ा ने कहा, ‘‘ये लोग सीडब्ल्यूसी के सदस्य हैं, सरकारों में रहे हैं। ये पार्टी के भीतर अपनी बात रख सकते हैं। इसलिए हमारा कहना है कि कांग्रेस के आंतरिक कामकाज के बारे में सार्वजनिक मंचों से बात नहीं होनी चाहिए।’’

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ये वरिष्ठ नेता जो सुझाव या सलाह दे रहे हैं, उन्हें इनको खुद भी आत्मसात करना चाहिए।’’

खेड़ा ने यह भी कहा, ‘‘जिन्होंने चुनाव की मांग की है, उनका युवा कांग्रेस के चुनाव के बारे में क्या कहना है। ऐसा नहीं है कि एक जगह चुनाव सही हैं और दूसरी जगह गलत है। हम सभी लोगों को आत्मचिंतन करना चाहिए।’’

उन्होंने यह भी बताया कि बिहार चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन को लेकर संगठन के भीतर चर्चा चल रही है।

गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आजाद ने रविवार को कहा था कि कांग्रेस के नेता आम लोगों से पूरी तरह से कटे हुए हैं और पार्टी में ‘‘पांच सितारा संस्कृति’’ घर कर गई है। उन्होंने संगठनात्मक ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन का आह्वान किया था।

बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उनका यह बयान आया। इस चुनाव में पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से वह केवल 19 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई।

आजाद ने कहा था कि ब्लॉक से लेकर जिला और राज्य स्तर तक चुनाव कराकर पार्टी के ढांचे में आमूल-चूल परिवर्तन की तत्काल जरूरत है। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस नेताओं को कम से कम चुनावों के दौरान पांच सितारा संस्कृति को छोड़ देना चाहिए।

भाषा हक

हक दिलीप

दिलीप


लेखक के बारे में