सीवर में मौत: उच्च न्यायालय ने मृतक के परिवार को नौकरी देने में रूकावटों पर अप्रसन्नता प्रकट की
सीवर में मौत: उच्च न्यायालय ने मृतक के परिवार को नौकरी देने में रूकावटों पर अप्रसन्नता प्रकट की
नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल सीवर में अपनी जान गंवाने वाले एक सुरक्षागार्ड के परिवार के सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने में ‘रूकावटों’ पर मंगलवार को अप्रसन्नता प्रकट की और कहा कि उसने सफाईकर्मी को बचाने के लिए अपनी जान गंवायी लेकिन उसके लिए कुछ नहीं किया जा रहा है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने इस मामले में अपील दायर की थी जिसे बाद में वापस ले लिया गया। पीठ ने अधिकारियों से मृतक के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की नसीहत दी।
अदालत ने कहा कि मृतक एक बहादुर व्यक्ति था जिसने दूसरे की जान बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।
न्यायमूर्ति शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा, ‘‘ कृपया उसे (उसके परिवार के सदस्य को) नौकरी दीजिए। इस समय अनुकंपा, रोजगार देने में सभी तरह की बाधाएं हैं… हमें डीडीए पर तरस आता है। इस नेक पुरूष ने किसी को बचाने के लिए अपनी जान गंवा दी और हम उसके (उसके परिवार) लिए कुछ भी नहीं कर रहे हैं। कृपया कुछ कीजिए।’’
पिछले साल नौ सितंबर को बाहरी दिल्ली के मुंडका क्षेत्र में सीवर में जहरीली गैस से दम घुटने के कारण एक सफाईकर्मी और एक सुरक्षाकर्मी की जान चली गयी थी।
दरअसल सीवर की सफाई के लिए सफाईकर्मी नीचे उतरा था और वह बेहोश हो गया था। उसे बचाने के लिए एक सुरक्षा गार्ड भी नीचे गया और वह भी बेहोश हो गया। दोनों की मौत हो गयी।
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि मृतक की विधवा या उसकी ओर से किसी को समायोजित किया जाएगा एवं कुछ रोजगार दिया जाएगा।
अदालत मित्र राजशेखर राव ने कहा कि पहले उनके संपर्क में रही गार्ड की विधवा के दो बच्चे हैं और ‘‘ऐसा नहीं लगता है कि वे पढ़े-लिखे हैं’’, इसलिए उसे किसी अन्य तरीके से समायोजित किया जा सकता है।
अदालत को बताया गया कि मृत सफाईकर्मी के परिवार को डीडीए ने नौकरी दी है।
अदालत ने आदेश दिया, ‘‘ दिवंगत रोहित (सुरक्षागार्ड) की विधवार को अनुकंपा नौकरी के सिलसिले में जिम्मेदार अधिकारी द्वारा हलफनामा दाखिल किया जाए। यह काम एक हफ्ते में हो।’’
भाषा राजकुमार माधव
माधव

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