शाह, डोभाल और राहुल गांधी ने सीडीएस रावत, उनकी पत्नी को अंतिम श्रद्धांजलि दी

शाह, डोभाल और राहुल गांधी ने सीडीएस रावत, उनकी पत्नी को अंतिम श्रद्धांजलि दी

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  • Publish Date - December 10, 2021 / 12:51 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:24 PM IST

नयी दिल्ली, 10 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के पार्थिक शरीरों पर शुक्रवार को पुष्पांजलि अर्पित की।

तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को एमआई17वी5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से जनरल रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य रक्षाकर्मियों की मौत हो गई।

जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीरों को अंतिम संस्कार से पहले यहां उनके आधिकारिक आवास पर रखा गया था।

जनरल रावत के आवास के बाहर लोगों ने ‘भारत माता की जय’, ‘जनरल रावत अमर रहें’ और ‘उत्तराखंड का हीरा अमर रहे’ के नारे लगाए।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता रवि शंकर प्रसाद और भारत में ब्रिटेन के राजदूत अलेक्जेंडर एलिस समेत कई अन्य नेताओं ने भी जनरल रावत और उनकी पत्नी को श्रद्धांजलि दी।

पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी, द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता कनिमोई, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, भाजपा नेता बैजयंत जय पांडा, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने भी रावत और उनकी पत्नी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

एंटनी ने कहा, ‘‘यह एक महत्वपूर्ण समय में देश को हुई एक त्रासदीपूर्ण और अपूरणीय क्षति है।’’

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने जनरल रावत को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें एक ‘‘अच्छा व्यक्ति’’ बताया।

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने अंतिम श्रद्धांजलि देने के बाद कहा, ‘‘यह देश का नुकसान है। वह देश का गौरव थे।’’

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीरों पर पुष्पांजलि अर्पित की।

देश के पहले सीडीएस जनरल रावत को तीनों सेवाओं के बीच समन्वय स्थापित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और वह पिछले दो वर्ष से कड़े रुख एवं विशिष्ट समय सीमा के साथ इस कार्य को आगे बढ़ा रहे थे।

भाषा सिम्मी शाहिद

शाहिद