गठबंधन पर शिवसेना ने रखी शर्त, केंद्र में भाजपा बड़ा भाई है तो राज्य में शिवसेना

गठबंधन पर शिवसेना ने रखी शर्त, केंद्र में भाजपा बड़ा भाई है तो राज्य में शिवसेना

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  • Publish Date - February 13, 2019 / 05:44 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:28 PM IST

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के पहले गठबंधन की सियासत जारी है,विपक्ष जहां खुद को एकजुट करते हुए खुल कर मोदी के विरोध में लगा है तो वहीं शिवसेना भी गाहे बगाहे विपक्ष के सुर में सुर मिलाकर बीजेपी को ठेंगा दिखाने के मूड में नजर आ रही है। महाराष्ट्र में मजबूत भाजपा शिवसेना को रास नहीं आ रही है,शिवसेना अपनी राजनीतिक जमीन पर किसी और को फसल काटने देने तैयार नहीं है, यही वजह है कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन का विवाद अब खुलकर सामने आने लगा है। शिवसेना ने साफ कर दिया है कि यदि लोकसभा चुनाव साथ लड़ना है तो विधानसभा चुनाव भी साथ लड़ना होगा और सीटों का बंटवारा भी अभी करना होगा। शिवसेना ने बड़ी साफगोई से यह भी कह दिया है कि यदि राज्य में भाजपा-शिवसेना की सरकार बनती है तो सीएम हर हाल में उनकी ही पार्टी का होगा,शिवसेना ने बीजेपी को इतिहास दिलाते हुए कहा है कि जैसा कि पहले राज्य में होता था,केंद्र में हम आपको समर्थन देते थे और राज्य में आप हमको।

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बता दें कि पिछला लोकसभा चुनाव भाजपा और शिवसेना ने मिलकर लड़ा था। जिसमें दोनों दलों को शानदार सफलता मिली थी। शिवसेना ने 18 और भाजपा ने 22 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार अभी तक दोनों के बीच साथ चुनाव लड़ने पर सहमति नहीं बन पाई है। भाजपा की तरफ से शिवसेना से बार-बार बातचीत की कोशिश हो रही है, लेकिन शिवसेना ने साफ कर दिया है कि गठबंधन होगा तो लोकसभा और विधानसभा दोनों के लिए होगा, वर्ना नहीं। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत के अनुसार, हमारा फार्मूला स्पष्ट है। केंद्र में भाजपा बड़ा भाई है तो राज्य में शिवसेना। भाजपा इस बात को माने। उसे अवगत करा दिया गया है। वे कहते हैं कि भाजपा की तरफ से बातचीत के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन हम अपना रुख साफ कर चुके हैं।

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BJP के दावे पर जानें शिवसेना ने की प्रतिक्रिया
बीजेपी ने महाराष्ट्र में 43 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है, इसके लिए बीजेपी पूरा जोर भी लगा रही है, लेकिन वह इसके साथ ही शिवसेना के साथ गठबंधन भी चाहती है, वहीं शिवसेना के प्रस्ताव के तहत वह राज्य में पूर्व के गठबंधन फार्मूले के तहत विधानसभा चुनावों में सीटों का बंटवारा चाहता है। जिसमें वह ज्यादा सीटें तो चाहती ही है, साथ ही मुख्यमंत्री भी अपना चाहती है। बता दें कि पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा और शिवसेना ने अलग-अलग लड़ा था। तभी से शिवसेना भाजपा से नाराज है। हालांकि, वह केंद्र एवं राज्य दोनों जगह सरकार में शामिल है।