तुष्टीकरण के आरोपों के बीच शिवकुमार ने बेदखल निवासियों के पुनर्वास के फैसले का बचाव किया

तुष्टीकरण के आरोपों के बीच शिवकुमार ने बेदखल निवासियों के पुनर्वास के फैसले का बचाव किया

तुष्टीकरण के आरोपों के बीच शिवकुमार ने बेदखल निवासियों के पुनर्वास के फैसले का बचाव किया
Modified Date: December 30, 2025 / 04:26 pm IST
Published Date: December 30, 2025 4:26 pm IST

बेंगलुरु, 30 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मंगलवार को राज्य सरकार के उस फैसले का बचाव किया, जिसके तहत हाल ही में कोगिलू में संचालित विध्वंस अभियान के दौरान अपने अवैध रूप से निर्मित मकानों को खोने वाले ‘‘वास्तविक’’ निवासियों को वैकल्पिक आवास प्रदान करने का फैसला लिया गया है।

शिवकुमार ने “तुष्टीकरण की राजनीति” के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राहत एक प्रकार की मानवीय मदद है, जो केवल पात्र स्थानीय लोगों को दी जा रही है, वह भी दस्तावेजों के पूर्ण सत्यापन के बाद।

शिवकुमार भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा सरकार की ओर से उन लोगों को त्वरित राहत प्रदान किए जाने के कदम पर उठाए गए सवालों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिनके घरों को सरकारी एजेंसी ने “अवैध निर्माण” करार देते हुए ध्वस्त कर दिया था।

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बेंगलुरु सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड ने कोगिलू में वसीम लेआउट और फकीर कॉलोनी में 20 दिसंबर को यह कार्रवाई की थी। इसका उद्देश्य प्रस्तावित ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई के निर्माण के लिए अतिक्रमण हटाना था।

अधिकारियों ने बताया कि ये मकान बिना किसी सरकारी अनुमति के बनाए गए थे और इनमें रहने वाले अधिकांश लोग दूसरे राज्यों से आए प्रवासी थे।

शिवकुमार ने सरकार पर मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करने के भाजपा के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘तुष्टीकरण की राजनीति का कोई सवाल ही नहीं उठता। किसी को भी अवैध निर्माण में लिप्त नहीं होना चाहिए, हम अतिक्रमणकारियों को कोई छूट देने को तैयार नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करेंगे। लोगों ने बयान दिया है कि कुछ लोगों ने उन्हें वहां मकान बनाने की अनुमति देने के बदले उनसे पैसे लिए थे।’’

बेंगलुरु में संवाददाताओं से मुखातिब शिवकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पात्र लोगों को मानवीय आधार पर वैकल्पिक आवास दिए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग कह रहे हैं कि उन्हें मालिकाना हक का दस्तावेज दिया गया था। इसकी जांच की जा रही है। बाहर से आए कुछ लोग भी अतिक्रमण में शामिल हो गए हैं। हमारे पास दस्तावेज हैं। अगर मतदाता सूची और अन्य दस्तावेजों में उनके नाम सही हैं, तो हम ऐसे लोगों का पुनर्वास करेंगे।’’

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसी अवैध चीज को वैध नहीं बना रही है, बल्कि उन बेघर लोगों की मदद कर रही है, जिनके पास सही दस्तावेज हैं।

भाषा शोभना पारुल

पारुल


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