सिसोदिया का आरोप, केंद्र कुछ राज्य सरकारों की सहायता करने के बजाय उन्हें ‘अपशब्द’ कह रहा

सिसोदिया का आरोप, केंद्र कुछ राज्य सरकारों की सहायता करने के बजाय उन्हें ‘अपशब्द’ कह रहा

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  • Publish Date - June 11, 2021 / 01:02 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:14 PM IST

नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर कुछ राज्य सरकारों की सहायता करने के बजाय उन्हें ‘अपशब्द’ कहने का शुक्रवार को आरोप लगाया और तंज कसा कि भाजपा ‘भारतीय झगड़ा पार्टी’ बन गई है।

उन्होंने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ” केंद्र के पास कुछ राज्य सरकारों को भला-बुरा कहने के अलावा कोई काम नहीं बचा है। पूरी केंद्र सरकार और भाजपा तीन-चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निशाना बना रही हैं। कभी, वे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री, कभी दिल्ली के मुख्यमंत्री और कभी झारखंड के मुख्यमंत्री से झगड़ा करते हैं।’’

बोर्ड परीक्षाओं और ऑक्सीजन कमी से संबंधित मुद्दों पर उच्चतम न्यायालय के दखल के हालिया घटनाओं का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया कि केंद्र बस तभी काम करता है जब उच्चतम न्यायालय उसे फटकार लगाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ उन्होंने (केंद्र) कहा कि राज्यों की ओर से ऑक्सीजन की आपूर्ति उचित तरीके से नहीं हुई लेकिन सबको पता है कि उस पूरी स्थिति के लिए कौन ज़िम्मेदार था। यह तो उच्चतम न्यायालय के दखल देने के बाद स्थिति नियंत्रण में आई। विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा रद्द कराना चाहते थे लेकिन जब उच्चतम न्यायालय इस पूरे परिदृश्य में आया तब जाकर केंद्र ने कहा कि वे परीक्षा रद्द कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य टीके की गुहार लगाते रहे लेकिन सरकार सुन नहीं रही थी। उच्चतम न्यायालय के दखल के बाद ही केंद्र सरकार ने कहा कि वे राज्यों को निःशुल्क टीका प्रदान करेंगे।’’

सिसोदिया ने कहा कि लोग ऐसी सरकार से ‘तंग आ चुके’ हैं जो केवल राज्य सरकारों को ‘भला-बुरा’ कहने में लगी रहती है।

उन्होंने कहा, ”लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को चुना है न कि ‘भारतीय झगड़ा पार्टी’ को। कृपया भारतीय झगड़ा पार्टी न बनें। उन्हें राज्य सरकारों के साथ काम करना चाहिए बजाय कि उनके काम में हस्तक्षेप करने के। उन्हें राष्ट्र निर्माण में राज्य सरकार की पहलों का समर्थन करना चाहिए।’’

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रधानमंत्री से पूछा था कि उनकी सरकार द्वारा घर-घर जाकर राशन पहुंचाने की योजना को केंद्र सरकार द्वारा क्यों रोका जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की थी कि राष्ट्र हित में इसे लागू करने की मंज़ूरी दी जाए।

केजरीवाल ने कहा था, ‘‘ अगर पिज्जा, बर्गर, स्मार्टफ़ोन और कपड़े घर तक पहुंचाए जा सकते हैं तो, राशन क्यों नहीं?’’

केजरीवाल की इस टिप्पणी का हवाला देते हुए सिसोदिया ने कहा, ‘‘अगर 21वीं सदी में आईआईटी से पढ़ा-लिखा मुख्यमंत्री लोगों के घर के दरवाज़े तक राशन पहुंचाने के के बारे में सोच रहा है तो आप क्यों इस बारे में बात नहीं करते? राशन घर तक क्यों नहीं पहुंचाया जा सकता?’’

भाषा स्नेहा उमा

उमा