विधानसभा उपचुनाव : मतदान के दौरान उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार में छिटपुट हिंसा |

विधानसभा उपचुनाव : मतदान के दौरान उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार में छिटपुट हिंसा

विधानसभा उपचुनाव : मतदान के दौरान उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार में छिटपुट हिंसा

:   Modified Date:  July 10, 2024 / 10:18 PM IST, Published Date : July 10, 2024/10:18 pm IST

नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बीच सात राज्यों में 13 सीट पर विधानसभा उपचुनाव के लिए बुधवार को मतदान संपन्न हो गया।

मतदान का समय सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक था।

निर्वाचन आयोग के ‘वोटर टर्नआउट ऐप’ के अनुसार, तमिलनाडु की विक्रवांडी विधानसभा सीट पर सबसे अधिक मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया जबकि उत्तराखंड की बद्रीनाथ सीट पर सबसे कम मतदाताओं ने मतदान किया।

लोकसभा चुनाव के बाद, पहली बार हो रही चुनावी प्रक्रिया में कई दिग्गज अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर शामिल हैं।

उत्तरांखड, बिहार और पश्चिम बंगाल को छोड़कर, बाकी राज्यों में मतदान शांतिपूर्ण रहा।

उत्तराखंड की मंगलौर विधानसभा सीट के एक मतदान केंद्र पर प्रतिद्वंद्वी दलों के समर्थकों के बीच झड़प में चार लोग घायल हो गए।

रुड़की सिविल लाइन कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मंगलौर के लिब्बरहेड़ी में बूथ संख्या 53-54 पर दो पक्षों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की सूचना मिली थी।

कुछ खबरों में दावा किया गया कि मतदान केंद्र पर गोलीबारी भी हुई। हालांकि, पुलिस ने इनका खंडन किया है।

सोशल मीडिया पर आए वीडियो में कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन एक व्यक्ति को अस्पताल ले जाते देखे जा सकते हैं, जिसके कपड़े खून से सने हुए हैं।

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर नफरत के बीज बोकर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया।

वहीं, एक अन्य वीडियो में काजी को अस्पताल में पार्टी के एक घायल कार्यकर्ता को गले लगाते देखा जा सकता है।

सूत्रों ने बताया कि मतदान केंद्र पर हिंसा उस समय भड़की, जब कुछ लोग बूथ में घुस गए और लोगों को वोट डालने से रोकने लगे। बूथ में घुसे लोगों ने अपना आधा चेहरा कपड़े से ढक रखा था।

मंगलौर में 68.24 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, जबकि बद्रीनाथ में 49.80 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला।

मंगलौर से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक सरवत करीम अंसारी का पिछले साल अक्टूबर में निधन हो जाने के कारण उपचुनाव जरूरी हो गया था। वहीं, बद्रीनाथ में कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के इस साल मार्च में इस्तीफा देने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद यह सीट खाली हो गई थी।

पश्चिम बंगाल के बगदाह तथा रानाघाट दक्षिण में हिंसा की छिटपुट घटनाएं होने की सूचना है। भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर उसके बूथ एजेंट पर हमला करने तथा उसके उम्मीदवारों को कुछ मतदान केंद्रों पर जाने से रोकने का आरोप लगाया है।

रानाघाट दक्षिण तथा बगदाह से भाजपा उम्मीदवार क्रमश: मनोज कुमार बिस्वास और बिनय कुमार बिस्वास ने दावा किया कि उन्हें कुछ बूथ पर नहीं जाने दिया गया।

मनोज कुमार बिस्वास ने दावा किया कि कुछ इलाकों में तृणमूल सदस्यों ने भाजपा के कार्यालयों में तोडफोड़ की।

मानिकतला विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार कल्याण चौबे जब एक मतदान केंद्र पर पहुंचे तो तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें देखकर ‘वापस जाओ’ के नारे लगाये।

वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों को ‘‘निराधार’’ बताते हुए खारिज कर दिया।

भाजपा ने इन घटनाओं के खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत भी दर्ज कराई है।

निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि रायगंज में सबसे अधिक 67.12 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। इसके बाद रानाघाट दक्षिण में 65.37 प्रतिशत, बगदाह में 65.15 प्रतिशत और मानिकतला में 51.39 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

बिहार की रूपौली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में 57.25 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इस दौरान पूर्णिया में पुलिस टीम पर भीड़ क हमले में एक अधिकारी समेत दो पुलिसकर्मी घायल हो गए।

इस बीच, पूर्णिया सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) पुष्कर कुमार ने कहा, ‘‘भवानीपुर प्रखंड के एक मतदान केंद्र पर भारी भीड़ जमा हो गई थी। जब ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें हटने के लिए कहा, तो उन पर पत्थरों व लाठियों से हमला किया गया।’’

एसडीपीओ ने बताया कि झड़प में एक अवर निरीक्षक और एक सिपाही घायल हो गए और इस घटना के कारण कुछ देर के लिए मतदान बाधित रहा।

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में रुपौली में 61.19 प्रतिशत मतदान हुआ था।

रूपौली विधानसभा सीट पूर्णिया लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है।

रूपौली से तीन बार विधायक रहीं बीमा भारती कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जदयू) छोड़कर राजद में शामिल हो गई थीं। इस वजह से इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है।

भारती ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह निर्दलीय प्रत्याशी राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव से हार गई थीं। अब रूपौली उपचुनाव में भारती राजद की उम्मीदवार हैं।

हिमाचल प्रदेश में नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र में शाम पांच बजे तक सबसे अधिक 78.82 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि हमीरपुर में 65.78 प्रतिशत और देहरा में 63.89 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले।

ये सीट तीन निर्दलीय विधायकों-होशियार सिंह (देहरा), आशीष शर्मा (हमीरपुर) और के एल ठाकुर (नालागढ़) के 22 मार्च को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुई थीं। इन विधायकों ने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में मतदान किया था। इसके बाद वे अगले दिन भाजपा में शामिल हो गए थे।

पंजाब की जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए शाम पांच बजे तक 51.30 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को पौधे भी दिए गए।

सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने मोहिंदर भगत को मैदान में उतारा है, जो पूर्व मंत्री और भाजपा के पूर्व विधायक भगत चुन्नी लाल के बेटे हैं। भगत पिछले वर्ष भाजपा का दामन छोड़ ‘आप’ में शामिल हो गये थे।

वहीं, कांग्रेस ने सुरिंदर कौर को टिकट दिया है, जो जालंधर की पूर्व उप-महापौर और पांच बार की नगर निगम पार्षद हैं।

भाजपा ने शीतल अंगुरल को चुनाव मैदान में उतारा है।

निर्वाचन आयोग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, विक्रवांडी विधानसभा सीट पर मतदान संपन्न हो गया और शाम पांच बजे तक 82.48 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया।

विक्रवांडी से द्रमुक विधायक ए पुघाझेंडी का गत छह अप्रैल को निधन होने के कारण यह सीट रिक्त हो गई थी।

विक्रवांडी में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) प्रत्याशी अन्नियूर शिवा, पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) उम्मीदवार सी अंबुमणि और नाम तमिलर काची (एनटीके) प्रत्याशी के अबिनय के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।

मध्य प्रदेश की अमरवाड़ा विधानसभा सीट (अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित सीट) पर 78.71 मतदाताओं ने मतदान किया।

तीन बार के कांग्रेस विधायक कमलेश शाह के मार्च में भाजपा में शामिल होने के बाद इस सीट पर उपचुनाव आवश्यक हो गया था।

भाषा जितेंद्र नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)