सुब्रमण्यम भारती तमिल संस्कृति की आत्मा हैं : द्रमुक सांसद कनिमोई

सुब्रमण्यम भारती तमिल संस्कृति की आत्मा हैं : द्रमुक सांसद कनिमोई

सुब्रमण्यम भारती तमिल संस्कृति की आत्मा हैं : द्रमुक सांसद कनिमोई
Modified Date: December 11, 2025 / 03:45 pm IST
Published Date: December 11, 2025 3:45 pm IST

चेन्नई, 11 दिसंबर (भाषा) द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सांसद कनिमोई ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाकवि सुब्रमण्यम भारती तमिल संस्कृति के प्रतीक हैं।

उन्होंने तमिल कवि को उनकी 143वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी।

द्रमुक नेता ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट पर लिखा, ‘‘(वह) हमारी भावनाओं में रच बस गए हैं और हमारी चेतना के संसार में हमेशा मौजूदगी बनाए हुए हैं।’’

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क्रांतिकारी तमिल कवि और स्वतंत्रता सेनानी का जन्म 11 दिसंबर, 1882 को एट्टायपुरम में हुआ था।

कनिमोई ने कहा, ‘‘महिलाओं की मुक्ति और जाति-उन्मूलन का गीत गाने वाले, और आधुनिक तमिलों के जेहन में एक अविनाशी विचार-दीप की तरह प्रज्वलित जनकवि (भारती) की जयंती पर आइए हम एक समतामूलक समाज के निर्माण का संकल्प लें।’’

भारती अपनी सशक्त तमिल कविताओं और निबंधों के माध्यम से भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन की एक प्रमुख आवाज बनकर उभरे। उनकी कविताओं में स्वतंत्रता, समानता, महिलाओं के अधिकारों और जातिगत भेदभाव के उन्मूलन को बढ़ावा दिया गया था।

भाषा सुरभि पवनेश

पवनेश


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