उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार के आरोप पर प्राथमिकी से उत्पन्न कार्यवाही को रद्द किया

उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार के आरोप पर प्राथमिकी से उत्पन्न कार्यवाही को रद्द किया

उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार के आरोप पर प्राथमिकी से उत्पन्न कार्यवाही को रद्द किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:58 pm IST
Published Date: January 13, 2022 8:30 pm IST

नयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने एक महिला से बलात्कार के आरोपी व्यक्ति के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से उत्पन्न कार्यवाही को रद्द करते हुए कहा है कि अब तक की गई जांच से खुलासा हुआ है कि शिकायत किसी मकसद से की गई थी और यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है।

शीर्ष न्यायालय ने व्यक्ति की अपील स्वीकार कर ली, जिसने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के नवंबर 2019 के आदेश को चुनौती दी थी। दरअसल, उच्च न्यायालय ने विषय में कार्यवाही रद्द करने से इनकार कर दिया था।

न्यायमूर्ति एस.के. कौल और न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश की पीठ ने कहा कि महिला संबंधित विषय में दी गई दलील से इनकार करने या उसका विरोध करने के लिए शीर्ष न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं हुई।

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पीठ ने पिछले हफ्ते जारी किए गए अपने आदेश में कहा कि मामले में अब तक हुई जांच से यह खुलासा हुआ है कि शिकायत किसी मकसद से की गई थी और यह कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है।

इसने कहा, ‘‘इन बातों को ध्यान में रखते हुए हम यह अपील स्वीकार करते हैं और 26 फरवरी 2018 की तारीख वाली प्राथमिकी से उत्पन्न कार्यवाही को रद्द करते हैं।’’

शिकायत में यह दावा किया गया था कि याचिकाकर्ता ने यह कथित अपराध उस वक्त किया था जब महिला उसके ससुर के खेत में चारा लेने गई थी।

वहीं, व्यक्ति ने कार्यवाही रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में कहा था कि उनके खिलाफ पूरी शिकायत एक पारिवारिक विवाद में उनकी एक करीबी रिश्तेदार ने गढ़ी है।

भाषा

सुभाष नेत्रपाल

नेत्रपाल


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