सुप्रीम कोर्ट ने सशस्त्र बलों की पेंशन विसंगति संबंधी याचिका पर सुनवाई करने से किया इंकार, जानिए वजह
सुप्रीम कोर्ट ने सशस्त्र बलों की पेंशन विसंगति संबंधी याचिका पर सुनवाई करने से किया इंकार, जानिए वजह
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया जिसमें गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले सशस्त्र बलों की पेंशन में असमानता दूर करने का आग्रह किया गया था । बहरहाल न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट की पीठ ने ‘हमारा देश, हमारे जवान ट्रस्ट’ को अपनी याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर करने की अनुमति दे दी।
ट्रस्ट ने वकील अजय अग्रवाल के मार्फत दायर अपनी याचिका में कहा कि केंद्र सरकार की हाइब्रिड पेंशन योजना 2005 को रक्षा मंत्रालय के तहत सेना जैसे सशस्त्र बलों के लिए लागू नहीं किया गया है। याचिका में कहा गया है कि वहीं गृह मंत्रालय के तहत आने वाले अर्द्धसैनिक बल — बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एनएसजी, एसएसबी और असम राइफल्स के साथ असमानता का व्यवहार किया गया है और उन्हें हाइब्रिड पेंशन योजना में डाला गया है।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई सुनवाई में पीठ ने अग्रवाल से कहा, ‘‘अगर आप चाहें तो आप इसे वापस ले सकते हैं और उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं। अगर आप जिरह करना चाहते हैं तो हम आपको सुनेंगे। आप क्या चाहते हैं।’’ जब पीठ ने कहा कि वह याचिका खारिज करती है तो अग्रवाल ने उच्च न्यायालय जाने की छूट मांगी।

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