नयी दिल्ली,एक मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने 15 वर्ष पुराने एक मामले में समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील पर सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार का रुख जानना चाहा।
दोषसिद्धि के कारण अब्दुल्ला आजम को विधायक पद के अयोग्य ठहरा दिया गया है।
न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने अब्दुल्ला आजम की अपील पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया और उससे जवाब मांगा।
शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि अब्दुल्ला आजम की अयोग्यता के बाद खाली हुई स्वार विधानसभा सीट पर 10 मई को होने वाला चुनाव याचिका के परिणाम के अनुरूप होगा।
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए जुलाई के दूसरे सप्ताह का समय निर्धारित करते हुए कहा, ‘‘जवाब दाखिल होने दें। दस मई को होने वाला चुनाव इस विशेष अनुमति याचिका के परिणाम के पर आधारित होगा।’’
पीठ ने सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज से कहा, ‘‘क्या हम किसी व्यक्ति की दोषसिद्धि और सजा की न्यायसंगतता की जांच कर सकते हैं? क्या वह निवार्चित प्रतिनिधि नहीं हो सकता है? आपको प्रथम-दृष्टया यह साबित करना होगा कि उन्होंने संबंधित अपराध किया है।’’
एएसजी ने कहा कि वह अपील का जवाब दाखिल करेंगे।
अब्दुल्ला आजम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दावा किया कि उनके मुवक्किल उस वक्त किशोर थे जब यह घटना हुई थी।
इस पर न्यायालय ने स्पष्ट किया कि वह फिलहाल याचिकाकर्ता के किशोरावस्था को लेकर सुनवाई नहीं कर रहा है, बल्कि दोषसिद्धि पर रोक संबंधी अर्जी पर विचार कर रहा है।
अब्दुल्ला आजम ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 13 अप्रैल के उस आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है, जिसमें उनकी दोषसिद्धि पर रोक संबंधी याचिका खारिज कर दी गयी थी।
भाषा सुरेश माधव
माधव
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