गुजरात दंगों में सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला, PM मोदी को SIT से मिली थी क्लीन चिट

गुजरात दंगों के लिए क्लीन चिट देने वाली गठित विशेष जांच दल रिपोर्ट के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज अहम फैसला सुनाएगा।

  •  
  • Publish Date - June 24, 2022 / 11:39 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:32 PM IST

नईदिल्ली। 2002 के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगों के लिए क्लीन चिट देने वाली गठित विशेष जांच दल रिपोर्ट के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज अहम फैसला सुनाएगा। जस्टिस ए.एम. खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच जाकिया जाफरी की याचिका पर आज फैसला सुनाएगी जाएगी। आपकों बता दें कि इस पूरे मामले में 9 दिसंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने मैराथन सुनवाई के बाद आज फैसले को सुरक्षित रखा गया था।

यह भी पढ़ें:फिर घनघनाएंगे सरकारी कर्मचारियों के मोबाइल, इस दिन जारी होगी बकाया DA एरियर की राशि

सुप्रीम कोर्ट को चार्जशीट का नहीं मिला कोई आधार

दंगों की जांच के लिए गठित एसआईटी ने जाकिया जाफरी के बड़ी साजिश के आरोपों को नकारा दिया है। एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस मामले में एफआईआर या चार्जशीट दर्ज करने के लिए हमें कोई आधार नहीं मिला। जाकिया की शिकायत पर गहन जांच की गई लेकिन कोई सामग्री नहीं मिली। यहां तक कि स्टिंग की सामग्री को भी अदालत ने ठुकरा दिया है।

यह भी पढ़ें:शहर की सड़कें बनी नदी! गाड़ियों की जगह नाव से ‘सफर’ कर रहे लोग, अब तक 108 मौतें…देखें वीडियो

एसआईटी: स्टिंग के बाद भी निकला निष्कर्ष

एसआईटी ने कहा, ” उन 9 में से 3 अलग-अलग अदालतों में स्टिंग सामग्री अदालत को दी गई थी। एक विशेष अदालत ने स्टिंग की सामग्री को भी खारिज कर दिया था। 2002 के गुजरात दंगों में एक बड़ी साजिश का आरोप लगाने वाली जकिया जाफरी की शिकायत की गहन जांच की गई, जिसके बाद यह निष्कर्ष निकला कि इसे आगे बढ़ाने के लिए कोई सामग्री नहीं थी। राज्य पुलिस आदि पर आरोप तेज़ी से लग रहे थे, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने SIT नियुक्त की। हमनें अपना काम किया, इससे कोई सहमत हो भी सकता है, कोई नहीं भी हो सकता है। एसआईटी रिपोर्ट में राज्य के उच्च पदाधिकारियों द्वारा गोधरा हत्याकांड के बाद सांप्रदायिक दंगे भड़काने में किसी भी “बड़ी साजिश” से इनकार किया गया है।

देखिए क्या था 2002 का पूरा मामला?

यह पूरा मामला अहमदाबाद की गुलबर्गा सोसयटी में वर्ष 2002 के 28 फरवरी में हुए दंगों से जुड़ा हुआ है। अहमदाबार सहित गुजरात के कई शहरों, कस्बों में दंगे भड़के गए थे, और इससे दो दिन पहले गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एस—6 डिब्बे में आग भी लगाई गई थी। जिसमें 59 लोगों को जिंदा जलाया गया था। सफर कर रहे लोग अयोध्या से कारसेवा कर लौट रहे थे। यह घटना इसलिए घटित हुई थी क्योंकि अपार्टमेंट में हुई आगजनी में दिवगंत पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी सहित 68 लोगों की मौत हो गई थी जिसके बाद एसआईटी ने दंगों की जांच की थी। जांच के बाद से ही गुजरात मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी गई थी।

यह भी पढ़ें:डेमोक्रेटिक सांसद इल्हान उमर ने प्रतिनिधि सभा में पेश किया भारत ​के खिलाफ प्रस्ताव, मुस्लिम समूह IAMS ने की सराहना

दरअसल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग हाउसिंग सोसाइटी हत्याकांड में मारे गए कांग्रेस विधायक एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने एसआईटी रिपोर्ट को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वर्ष 2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने SIT की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ जाकिया की विरोध शिकायत को मजिस्ट्रेट द्वारा खारिज करने के खिलाफ उसकी चुनौती को खारिज कर दिया था। वहीं, उक्त दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने के खिलाफ याचिका का एसआईटी और गुजरात सरकार ने विरोध किया है।