सुरजागढ़ आगजनी मामला: महाराष्ट्र सरकार को गाडलिंग की जमानत अर्जी पर जवाब देने के लिए समय दिया गया

सुरजागढ़ आगजनी मामला: महाराष्ट्र सरकार को गाडलिंग की जमानत अर्जी पर जवाब देने के लिए समय दिया गया

सुरजागढ़ आगजनी मामला: महाराष्ट्र सरकार को गाडलिंग की जमानत अर्जी पर जवाब देने के लिए समय दिया गया
Modified Date: November 29, 2023 / 12:32 pm IST
Published Date: November 29, 2023 12:32 pm IST

नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को 2016 के सुरजागढ़ लौह अयस्क खदान आगजनी मामले में वकील सुरेंद्र गाडलिंग की जमानत अर्जी पर जवाब दाखिल करने के लिए बुधवार को एक और सप्ताह का समय दिया।

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने राज्य सरकार को समय दिया। सरकार के वकील ने समय देने का अनुरोध करते हुए कहा था कि मामले में भारी-भरकम रिकॉर्ड हैं।

मामले में सुनवाई दो सप्ताह बाद के लिए तय की गई है।

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शीर्ष अदालत ने 10 अक्टूबर को राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था।

बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने 31 जनवरी को गाडलिंग को जमानत देने से इनकार कर दिया था, वहीं इस बात का संज्ञान लिया था कि उनके खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया सच हैं।

माओवादियों ने 25 दिसंबर, 2016 को कथित तौर पर 76 वाहनों को आग के हवाले कर दिया था जिन्हें महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सुरजागढ़ की खदानों से लौह अयस्क की ढुलाई के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था।

गाडलिंग पर जमीनी स्तर पर काम कर रहे माओवादियों को सहायता देने का आरोप है। उन पर अनेक सह-आरोपियों के साथ साजिश रचने का आरोप है और उनमें से कुछ फरार हैं।

गाडलिंग पर विधिविरुद्ध क्रियाकलाप रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के अनेक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।

अभियोजन पक्ष ने दावा किया था कि गाडलिंग ने सरकारी गतिविधियों के बारे में गोपनीय जानकारी और कुछ इलाकों के नक्शे भूमिगत माओवादियों को मुहैया कराए थे।

भाषा वैभव मनीषा

मनीषा


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