(उदयन किशोर)
नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने अपने एक आदेश में यह उल्लेख किया है कि मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा ने इसी तरह के आतंकी हमले के लिए नयी दिल्ली को चिह्नित किया था और यह उस साजिश का हिस्सा था, जिसका दायरा भारत की भौगोलिक सीमाओं से परे तक फैला हुआ था।
एक सूत्र ने बताया कि विशेष एनआईए न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने 10 अप्रैल को पारित एक आदेश में कहा कि इस बारे में जांच एजेंसी द्वारा पर्याप्त सामग्री पेश की गई है कि वर्तमान मामले से जुड़े आरोप राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित हैं।
माना जाता है कि न्यायाधीश ने 12 पृष्ठ के आदेश में उल्लेख किया है कि, ‘‘रिकॉर्ड पर पेश की गई सामग्री दर्शाती है कि इस साजिश का विस्तार भारत की भौगोलिक सीमाओं से परे तक था और राष्ट्रीय राजधानी सहित भारत के कई शहरों के विभिन्न स्थानों के रूप में कई लक्ष्यों को चिह्नित करने की कोशिश की गई थी।’’
न्यायाधीश ने कहा कि मामले की तह तक पहुंचने और गहरी साजिश में निहित तथ्यों को उजागर करने के लिए (राणा से) लगातार हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है।
माना जाता है कि न्यायाधीश ने राणा को 18 दिन की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में भेजने के आदेश में कहा, ‘‘उसका गवाहों और फोरेंसिक और दस्तावेजी सबूतों के साथ आमना-सामना कराना चाहिए।’’
न्यायाधीश ने कहा कि यह कवायद हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता को इंगित करती है।
न्यायाधीश ने प्रत्यर्पण कार्यवाही में दिए गए आश्वासन से जुड़ी दलील पर भी गौर किया और एनआईए को हर 48 घंटे में राणा की चिकित्सा जांच कराने का निर्देश दिया।
वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष सरकारी वकील नरेंद्र मान ने अदालत में एनआईए का प्रतिनिधित्व किया।
सूत्रों के अनुसार, महत्वपूर्ण साक्ष्यों की कड़ियों को जोड़ने और 17 साल पहले के घटनाक्रमों को समझने के लिए, अधिकारी राणा को प्रमुख स्थानों पर ले जा सकते हैं, जिससे उन्हें अपराध स्थल का नाट्य रूपांतरण कर बड़े आतंकी गिरोह के बारे में गहरी जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
पाकिस्तानी मूल का कनाडाई व्यवसायी राणा (64) मुंबई हमलों का मुख्य साजिशकर्ता और अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली का करीबी सहयोगी है। राणा को प्रत्यर्पण संधि के तहत अमेरिका से भारत लाया गया है।
मुंबई में 26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमला किया था, जिसमें करीब 166 लोग मारे गए थे।
भाषा संतोष सुभाष
सुभाष
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