(तस्वीरों के साथ)
अहमदाबाद, सात जुलाई (भाषा) भगवान जगन्नाथ की 147वीं रथयात्रा रविवार को गुजरात के अहमदाबाद में संपन्न हुई। पूजा-अर्चना के लिए यात्रा मार्ग पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु खड़े थे और इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बालभद्र और बहन सुभद्रा का रथ दशकों पुरानी परंपरा के अनुसार खलाशी समुदाय के सदस्यों ने खींचा।
यह रथ यात्रा हर साल आषाढ़ माह के दूसरे दिन निकाली जाती है।
रथ पुराने शहर और कुछ सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों सहित गुजरात के सबसे बड़े शहर के कई इलाकों से गुजरते हुए रात नौ बजकर 15 मिनट पर मंदिर वापस आ गये।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सुबह ‘मंगला आरती’ की और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘पाहिंद विधि’ संपन्न की। यह विधि जमालपुर इलाके में भगवान जगन्नाथ के 400 वर्ष पुराने मंदिर से रथ यात्रा शुरू होने पर सोने की झाड़ू से यात्रा मार्ग को साफ करने की परंपरा है।
अधिकारियों ने बताया कि रथयात्रा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई और मार्ग में किसी भी स्थान से कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।
गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए उचित व्यवस्था की है कि श्रद्धालुओं को इस व्यापक यात्रा के दौरान किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को पूजा-अर्चना करते समय किसी भी तरह की असुविधा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया। पुलिस और निवासियों ने जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने के लिए 108 एम्बुलेंस सेवा के लिए मार्ग सुनिश्चित किया।’’
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम की सुरक्षा के लिए 22,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था और लोगों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए कैमरे भी लगाए गए थे।
इनमें से 4,500 जवान पूरे 16 किलोमीटर लंबे मार्ग पर तैनात किये गये, जबकि 1,931 जवानों ने यातायात का प्रबंधन किया।
यात्रा में आमतौर पर 18 सुसज्जित हाथी, 100 ट्रक और 30 अखाड़ों के लोग शामिल होते हैं।
सूरत समेत गुजरात के अन्य शहरों में भी रथ यात्राएं निकाली गईं।
भाषा
देवेंद्र नरेश
नरेश