शीर्ष अदालत अग्रिम जमानत याचिका दायर करने से संबंधित मामले पर 12 नवंबर को सुनवाई करेगी
शीर्ष अदालत अग्रिम जमानत याचिका दायर करने से संबंधित मामले पर 12 नवंबर को सुनवाई करेगी
नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह 12 नवंबर को उस मामले की सुनवाई करेगा जिसमें अग्रिम जमानत के लिए सत्र न्यायालय का रुख किए बिना वादियों द्वारा सीधे उच्च न्यायालय का रुख किए जाने का मुद्दा उठाया गया था।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ को बताया गया कि केरल में अग्रिम जमानत के लगभग 80 प्रतिशत मामले पहले वहां के उच्च न्यायालय में आते हैं।
आठ सितंबर को शीर्ष अदालत ने कहा था कि यद्यपि उच्च न्यायालय और सत्र न्यायालय को गिरफ्तारी-पूर्व जमानत की याचिका पर विचार करने का समवर्ती क्षेत्राधिकार प्रदान किया गया है, लेकिन न्यायालयों के पदानुक्रम की मांग है कि इस तरह के उपाय का अनुरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति को सीधे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने केरल उच्च न्यायालय की उस प्रथा पर ध्यान दिया था, जिसमें वादी द्वारा सत्र न्यायालय में जाए बिना अग्रिम जमानत आवेदनों पर सीधे विचार किया जाता है।
मंगलवार को पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा की दलीलें सुनीं, जो इस मामले में न्यायमित्र के रूप में इसकी सहायता कर रहे हैं।
मामले में पेश हुए वकीलों में से एक ने कहा कि केरल में लगभग 80 प्रतिशत अग्रिम जमानत याचिकाएं पहले उच्च न्यायालय में आती हैं।
सुनवाई के दौरान लूथरा ने न्याय तक पहुंच के पहलू का उल्लेख किया।
पीठ ने कहा, ‘‘अब हम हर जगह ई-फाइलिंग की ओर बढ़ रहे हैं। किसी आरोपी (या वादी) को (गिरफ्तारी से) पहले जमानत के लिए) आवेदन दाखिल करने के लिए संबंधित अदालत में जाने की क्या जरूरत है… इसकी जरूरत नहीं है।’’
न्याय मित्र ने कहा कि अग्रिम जमानत के लिए पहले सत्र न्यायालय का रुख करने से उच्च न्यायालयों में भीड़भाड़ कम होगी।
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर के लिए निर्धारित कर दी।
शीर्ष अदालत ने आठ सितंबर को दो व्यक्तियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया था, जिसमें केरल उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।
न्यायालय ने कहा था कि याचिकाकर्ताओं ने सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाए बिना गिरफ्तारी-पूर्व जमानत के लिए सीधे उच्च न्यायालय का रुख किया था।
भाषा नेत्रपाल नरेश
नरेश

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