(सिद्धांत मिश्रा)
नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) दिल्ली सरकार यमुना नदी की बिगड़ती पारिस्थितिकीय स्थिति सुधारकर इसे पुनर्जीवित करने के अपने मिशन का समर्थन करने के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल के माध्यम से धन इकट्ठा करने की योजना बना रही है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने नदी में गिरने वाले प्रमुख खुले नालों के किनारे स्थापित किए जाने वाले ‘मॉड्यूलर’ जलमल शोधन संयंत्र (एसटीपी) को प्रायोजित करने के लिए निजी कंपनियों को आमंत्रित किया है।
अधिकारियों के अनुसार, बड़ी जगह और निवेश की आवश्यकता वाले पारंपरिक संयंत्र के बजाय नालों पर ‘मॉड्यूलर’ और विकेन्द्रित एसटीपी स्थापित किए जाएंगे, जिसमें कंपनियां निवेश कर सकती हैं और ब्रांडिंग का मौका पा सकती हैं।
जल बोर्ड की ओर से तैयार मसौदे में कहा गया है, ‘‘डीजेबी कॉर्पोरेट संस्थाओं से चिह्नित खुले नालों पर आवश्यकता के अनुसार ऐसे एसटीपी की स्थापना में भागीदारी की प्रतिबद्धता चाहता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कॉर्पोरेट संस्थाएं ऐसी स्थापना के लिए एक निश्चित राशि का योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध होंगी।’’
नियमों में कहा गया है कि संयंत्र लगाने के बाद वे सीधे आपूर्तिकर्ता को भुगतान करेंगी।
डीजेबी के पास फिलहाल 37 एसटीपी हैं, जिनका संचालन और रखरखाव बड़े पैमाने पर निजी कंपनियों द्वारा किया जाता है, जिन्हें सरकार अनुबंध के अनुसार भुगतान करती है।
भाषा सुरेश अविनाश
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