न्यायालय ने 100 प्रतिशत फीस वृद्धि का आरोप लगाने वाली याचिका पर दिल्ली सरकार, स्कूल से जवाब मांगा

न्यायालय ने 100 प्रतिशत फीस वृद्धि का आरोप लगाने वाली याचिका पर दिल्ली सरकार, स्कूल से जवाब मांगा

न्यायालय ने 100 प्रतिशत फीस वृद्धि का आरोप लगाने वाली याचिका पर दिल्ली सरकार, स्कूल से जवाब मांगा
Modified Date: October 10, 2025 / 07:46 pm IST
Published Date: October 10, 2025 7:46 pm IST

नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार और राष्ट्रीय राजधानी के गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों के एक निकाय से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें शिक्षा निदेशालय से मंजूरी लिये बिना 100 प्रतिशत फीस वृद्धि का आरोप लगाया गया है।

याचिकाकर्ता नया समाज अभिभावक संघ के वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि स्कूलों को दिल्ली सरकार से रियायती दर पर इस शर्त पर जमीन मिली है कि किसी भी शुल्क वृद्धि को शिक्षा निदेशालय (डीओई) से मंजूरी लेनी होगी।

प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने प्रतिवादी ‘एक्शन कमेटी अनएडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल्स’ के वकील से पूछा, ‘आप इस पर कैसे काबू पाएंगे?’

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पीठ ने याचिका पर भाजपा नीत दिल्ली सरकार और निजी स्कूलों के संगठन को नोटिस जारी किए।

पीठ ने इस दलील पर गौर किया कि द्वारका स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) बढ़ी हुई फीस न चुकाने पर लगभग 30 छात्रों को दंडित कर रहा है और उन्हें अपनी कक्षाओं के बजाय पुस्तकालय में बैठाया जा रहा है।

प्रधान न्यायाधीश ने पूछा, ‘आप ऐसा कैसे कर सकते हैं?’ और निर्देश दिया कि छात्रों को कक्षाओं में आने की अनुमति दी जाए।

स्कूल की ओर से पेश एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने पीठ को आश्वासन दिया कि ऐसा नहीं होगा।

पीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद तय की है।

इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पब्लिक स्कूल, द्वारका द्वारा फीस विवाद को लेकर संस्थान में कुछ छात्रों के प्रवेश को रोकने के लिए ‘बाउंसर’ को तैनात करने के कथित आचरण पर नाराजगी जताई थी।

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप


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