नयी दिल्ली, 11 अप्रैल (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष स्वीकार किया कि आम्रपाली समूह के एक पूर्व निदेशक की संपत्ति को अपराध से अर्जित संपत्ति मानकर अस्थायी रूप से कुर्क करने में एजेंसी से त्रुटि हुई।
ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने न्यायमूर्ति यू.यू. ललित और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ को बताया कि अधिकारियों ने आम्रपाली समूह के पूर्व निदेशक प्रेम मिश्रा की करीब 4.79 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति कुर्क की।
जैन ने कहा कि जांच एजेंसी की ओर से यह गलती हुई कि उसने इन संपत्तियों को अपराध से अर्जित संपत्ति माना।
उन्होंने अदालत से यह निर्देश देने की अपील की कि सक्षम प्राधिकारी को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियों का उपयोग करके, कुर्क की गई संपत्तियों को मिश्रा की निजी संपत्तियों से बदलने के लिए कहा जाए।
पीठ ने इस दलील को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह ऐसा कोई आदेश पारित नहीं कर सकती क्योंकि यह उचित नहीं होगा।
भाषा
जोहेब नेत्रपाल
नेत्रपाल
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