किसी पार्टी की ‘बी-टीम’ बनने के लिए टिपरा मोथा का गठन नहीं किया गया: प्रद्योत

किसी पार्टी की ‘बी-टीम’ बनने के लिए टिपरा मोथा का गठन नहीं किया गया: प्रद्योत

किसी पार्टी की ‘बी-टीम’ बनने के लिए टिपरा मोथा का गठन नहीं किया गया: प्रद्योत
Modified Date: October 19, 2024 / 06:11 pm IST
Published Date: October 19, 2024 6:11 pm IST

अगरतला, 19 अक्टूबर (भाषा) टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत देबबर्मा ने शनिवार को कहा कि उन्होंने किसी अन्य पार्टी की ‘बी-टीम’ बनने के लिए टिपरा मोथा का गठन नहीं किया है।

एक ऑडियो संदेश में उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि जब भी वे कोई अपराध या अन्याय देखें तो अपनी आवाज उठाएं।

देबबर्मा का यह बयान मनुबाजार में पुलिस हिरासत में एक आदिवासी व्यक्ति को कथित तौर पर प्रताड़ित करने के विवाद के बीच आया है। कथित प्रताड़ना के कारण उसकी मौत हो गई थी।

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उन्होंने कहा, “आजकल, लोग विकास, सड़कों या रोजगार के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। हिंदू जहां मुसलमानों के बारे में बात कर रहे हैं, आदिवासी अपने जनजातियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं और ईसाई हिंदुओं के बारे में बात कर रहे हैं! लोग धर्म और मान्यताओं को लेकर झगड़ रहे हैं। कौन जहर फैला रहा है? हमने टिपरा मोथा का गठन किसी और पार्टी की बी-टीम बनने के लिए नहीं किया है। हमारे पास अपनी खुद की विचारधारा है। मैं कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि किसी भी अपराध या अवैध गतिविधियों के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं।”

उन्होंने कहा कि टिपरा मोथा का गठन अपराध या भ्रष्टाचार पर चुप रहने के लिए नहीं, बल्कि लोगों की आवाज उठाने के लिए किया गया है।

उन्होंने कहा, “यदि किसी मंदिर, मस्जिद या चर्च पर हमला होता है, तो आपको अपनी आवाज उठानी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति पुलिस की यातना से मरता है, तो आपको शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज उठानी चाहिए, क्योंकि सत्य अत्यंत आवश्यक है।”

देबबर्मा ने कहा कि टिपरा मोथा लोगों के बीच विकास और सौहार्द के लिए है, चाहे उनका कोई भी धर्म हो।

उन्होंने कहा कि नफरत फैलाने वालों के खिलाफ आवाज उठाई जानी चाहिए।

टिपरा मोथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी पार्टी है और राज्य में माणिक साहा सरकार का हिस्सा है।

चोरी के आरोप में पकड़े गए बादल त्रिपुरा को पुलिस हिरासत में कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया। वह 16 अक्टूबर को अपने घर में मृत मिला, जिससे भारी जन आक्रोश उत्पन्न हुआ। घटना की जांच के लिए ‘मजिस्ट्रेटी जांच’ का आदेश दिया गया और पांच पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया।

भाषा योगेश प्रशांत

प्रशांत


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