टीएमसी, द्रमुक ने परमाणु विधेयक को संसदीय समिति के पास भेजने की मांग उठाई
टीएमसी, द्रमुक ने परमाणु विधेयक को संसदीय समिति के पास भेजने की मांग उठाई
नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक ने बुधवार को लोकसभा में परमाणु ऊर्जा विधेयक का विरोध करते हुए इसे संसदीय समिति के पास भेजने की मांग उठाई।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने ‘भारत के रुपांतरण के लिए नाभिकीय ऊर्जा का संधारणीय दोहन और अभिवर्द्धन (शांति) विधेयक, 2025’ पर चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया कि विधेयक के माध्यम से चार कॉरपोरेट समूहों के लिए परमाणु क्षेत्र में रास्ता खोला जा रहा है।
रॉय ने दावा किया कि इस विधेयक में आपूर्तिकर्ता के उत्तरदायित्व की व्यवस्था नहीं की गई है।
उन्होंने कहा इस विधेयक को लेकर जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए और इसे प्रवर समिति के पास भेजा जाए।
द्रमुक सांसद अरुण नेहरू ने विधेयक के नाम का हवाला देते हुए कहा कि परमाणु ऊर्जा का शांति से कोई लेनादेना नहीं है।
उन्होंने कहा कि कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में निजी क्षेत्र के आने से नुकसान हो सकता है।
द्रमुक सांसद का कहना था कि उत्तरदायित्व की व्यवस्था संचालक के अनुकूल बना दी गई है जो उचित नहीं है।
नेहरू ने कहा कि विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा जाए।
समाजवादी पार्टी के सांसद आदित्य यादव ने आरोप लगाया कि इस विधेयक के माध्यम से निजी क्षेत्र के लिए रास्ता साफ किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा का दोहरा मापदंड है। जब वह विपक्ष में थी तो ऐसे विधेयक पर कहती थी कि अमेरिका को फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया है।’’
यादव ने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि अमेरिका के टैरिफ के दबाव में यह सब किया जा रहा है।
भाषा हक हक वैभव
वैभव

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