उचित महत्व नहीं मिला तो टीएमसी बंगाल में सभी लोकसभा सीट पर अकेले लड़ने के लिये तैयार: ममता ने पार्टी नेताओं से कहा

उचित महत्व नहीं मिला तो टीएमसी बंगाल में सभी लोकसभा सीट पर अकेले लड़ने के लिये तैयार: ममता ने पार्टी नेताओं से कहा

उचित महत्व नहीं मिला तो टीएमसी बंगाल में सभी लोकसभा सीट पर अकेले लड़ने के लिये तैयार: ममता ने पार्टी नेताओं से कहा
Modified Date: January 19, 2024 / 09:29 pm IST
Published Date: January 19, 2024 9:29 pm IST

कोलकाता, 19 जनवरी (भाषा) सीटों के बंटवारे को लेकर पश्चिम बंगाल में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के भीतर चल रहे घमासान के बीच, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि अगर “उचित महत्व” नहीं दिया गया, तो उनकी पार्टी राज्य की सभी 42 लोकसभा सीट पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने पार्टी की मुर्शिदाबाद जिला इकाई की बंद दरवाजे में हुई संगठनात्मक बैठक के दौरान अपना रुख व्यक्त किया। मुर्शिदाबाद एक महत्वपूर्ण अल्पसंख्यक आबादी वाला क्षेत्र है और पारंपरिक रूप से कांग्रेस के गढ़ के रूप में देखा जाता है।

बैठक के दौरान उन्होंने जिले की तीनों लोकसभा सीटों पर टीएमसी की जीत की जरूरत पर जोर देते हुए पार्टी नेताओं से चुनावी लड़ाई के लिए तैयार रहने का आग्रह किया।

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कांग्रेस 2019 के चुनावों में केवल बहरामपुर सीट को बरकरार रखने में कामयाब रही, जहां से उसके पांच बार के सांसद और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी खड़े थे।

टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न जाहिर करने का अनुरोध करते हुए कहा, “हमारी पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने स्पष्ट रूप से कहा कि टीएमसी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के सबसे महत्वपूर्ण भागीदारों में से एक है, लेकिन बंगाल में अगर हमें बाहर कर आरएसपी, भाकपा, माकपा को ज्यादा महत्व दिया गया, तो हम अपना रास्ता खुद बनाएंगे और सभी 42 सीटों पर लड़ने और जीतने की तैयारी करनी चाहिए।”

माकपा के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा, कांग्रेस और टीएमसी सामूहिक रूप से विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा हैं।

पश्चिम बंगाल में हालांकि माकपा और कांग्रेस ने टीएमसी और भाजपा के खिलाफ गठबंधन किया है।

एक अन्य टीएमसी नेता ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, “पार्टी प्रमुख ने कहा कि हमें तीनों लोकसभा सीटें जीतने के लिए तैयारी करने की जरूरत है। जब हमारे एक विधायक हुमायूं कबीर ने बताया कि अधीर चौधरी अल्पसंख्यक बहुल जिले में एक कारक हैं, तो बनर्जी ने इस दावे को ज्यादा महत्व देने से इनकार कर दिया और कहा कि अगर टीएमसी एकजुट होकर लड़ाई लड़ेगी, तो उसे सफलता मिलेगी।”

भाषा प्रशांत दिलीप

दिलीप


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