ध्यान भटकाने के लिए गृह मंत्री ने ‘वेपन ऑफ मास डिस्ट्रैक्शन’ वाले विधेयक पेश किए: कांग्रेस

ध्यान भटकाने के लिए गृह मंत्री ने ‘वेपन ऑफ मास डिस्ट्रैक्शन’ वाले विधेयक पेश किए: कांग्रेस

ध्यान भटकाने के लिए गृह मंत्री ने ‘वेपन ऑफ मास डिस्ट्रैक्शन’ वाले विधेयक पेश किए: कांग्रेस
Modified Date: August 21, 2025 / 07:03 pm IST
Published Date: August 21, 2025 7:03 pm IST

नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) कांग्रेस ने संसद के मानसून सत्र में गतिरोध बने रहने के लिए बृहस्पतिवार को सरकार को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि गृह मंत्री अमित शाह ने ‘‘वोट चोरी’’ जैसे कुछ प्रमुख मुद्दों से ध्यान भटकाने के मकसद से ‘‘वेपन ऑफ मास डिस्ट्रैक्शन’’ (जनता का ध्यान भटकाने के हथियार) के रूप में तीन विधेयक पेश किए।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद ‘पीटीआई-भाषा’ से यह भी कहा कि विपक्ष के बार-बार मांग करने के बावजूद सरकार अड़ी रही और उसने चुनाव प्रक्रिया को लेकर सदन में चर्चा नहीं कराई।

रमेश ने कहा, ‘‘इस सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष की मांग थी कि पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर और एसआईआर पर चर्चा हो। इस सत्र की शुरूआत तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के साथ एक धमाके से हुई।’’

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उन्होंने कहा कि धनखड़ का इस्तीफा एक भूकंप की तरह था जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 10 थी।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘सरकार ने एसआईआर (मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण) पर चर्चा कराने से इनकार किया, जबकि हमने यहां तक पेशकश की थी कि इसे एसआईआर नहीं कहकर ‘चुनावी सुधार’ या ‘चुनावी प्रक्रिया को मजबूत बनाना’ कह कर चर्चा कराई जाए, लेकिन सरकार नहीं मानी।’’

उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश तीन विधेयकों का हवाला देते हुए कहा कि यह असंवैधानिक है।

रमेश ने कहा, ‘‘विधेयकों में बुनियादी रूप से यही कहा गया है कि यदि आप मुख्यमंत्री या मंत्री हैं और आरोप लगने पर गिरफ्तार होने के बाद 30 दिनों के भीतर भाजपा में शामिल नहीं होते हैं तो आप पद से मुक्त हो जाएंगे, लेकिन आप भाजपा में शामिल हो जाएंगे तो आप वाशिंग मशीन में पाक-साफ हो जाएंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह विधेयक ‘वेपन ऑफ मास डिस्ट्रैक्शन’ विधेयक थे। वोट चोरी, उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के साझा उम्मीदवार और अमेरिका से जुड़े मुद्दे के कारण सरकार विमर्श में पिछड़ गई थी। इसी से ध्यान भटकाने के लिए यह सब किया गया है।’’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के विरोध और हंगामे के बीच लोकसभा में ‘संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025’, ‘संघ राज्य क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2025’ और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025’ पेश किए। बाद में उनके प्रस्ताव पर सदन ने तीनों विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को भेजने का निर्णय लिया।

इनमें गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार किए गए और लगातार 30 दिन हिरासत में रखे गए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने के प्रावधान हैं।

भाषा हक हक अविनाश

अविनाश


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