Operation Blue Star/ Image Credit: ANI X Handle
अमृतसर: Operation Blue Star: 6 जून 2025 यानी आज ऑपरेशन ब्लू स्टार की 41वीं बरसी मनाई जा रही है। इस दौरान अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में तनावपूर्ण माहौल देखने के लिए मिला। ऐसा इसलिए क्योंकि, ऑपरेशन ब्लू स्टार की 41वीं बरसी पर शिरोमणि अकाली दल (मान गुट) के नेता सिमरनजीत सिंह मान और उनके समर्थक स्वर्ण मंदिर पहुंचे। इस दौरान स्वर्ण मंदिर में ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए गए। लोग यहां ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान मारे गए जरनैल सिंह भिंडरावाले को श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठा हुए थे।
Operation Blue Star: आपको बता दें कि, हर साल की तरह इस साल भी स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। शिरोमणि अकाली दल (मान) के प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान जब अपने समर्थकों के साथ श्री अकाल तख्त साहिब की ओर बढ़ रहे थे उसी समय नारेबाजी शुरू हो गई। मान के समर्थकों ने स्वर्ण मंदिर में ही खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। इतना ही नहीं स्वर्ण मंदिर में कुछ लोगों के हाथों में जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीरें और खालिस्तान का समर्थन करने वाले पोस्टर भी देखे गए। इस पूरी घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं।
#WATCH | अमृतसर, पंजाब: ऑपरेशन ब्लू स्टार की 41वीं बरसी और ऑपरेशन के दौरान मारे गए जरनैल सिंह भिंडरावाले की पुण्यतिथि पर शिरोमणि अकाली दल (मान गुट) के नेता सिमरनजीत सिंह मान के स्वर्ण मंदिर पहुंचने पर लोगों ने ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए।
ऑपरेशन ब्लू स्टार 1 से 10 जून 1984… pic.twitter.com/0Z9OpaUQgd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 6, 2025
Operation Blue Star: आपक जानकारी के लिए बता दें कि, 1 से 10 जून 1984 के बीच अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में भारतीय सेना ने एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया था और इस अभियान को ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ का नाम दिया गया था। सेना का यह ऑपरेशन सिख अलगाववादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले और उनके हथियारबंद समर्थकों को स्वर्ण मंदिर से बाहर निकालने के लिए किया गया था।
बताया जाता है कि, जरनैल सिंह भिंडरावाले और उनके साथियों ने स्वर्ण मंदिर को अपना गढ़ बना लिया था और वहां भारी मात्रा में हथियार भी इकट्ठा कर लिए थे। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए सेना को स्वर्ण मंदिर में भेजने का फैसला किया। इस ऑपरेशन के दौरान दोनों तरफ से गोलीबारी हुई। इस गोलीबारी में जरनैल सिंह भिंडरावाले और उनके कई समर्थक मारे गए। इतना ही नहीं इन कार्रवाई में कई आम नागरिक मर गए थे और सिखों के सबसे पवित्र स्थल, श्री अकाल तख्त साहिब को भी भारी नुकसान पहुंचा, जिसकी वजह से सिख समुदाय की भावनाएं बुरी तरह आहत हुईं।
Operation Blue Star: वहीं ऑपरेशन ब्लू स्टार के कुछ महीनों बाद ही 31 अक्टूबर 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके ही दो सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी। इस वादात को ऑपरेशन ब्लू स्टार का बदला माना जाता है। इसके बाद देश भर में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे, जिसमें हजारों निर्दोष सिखों की जान चली गई थी।